मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं. हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में रविवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों में ढील दी गई है. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई की ओर शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य में झड़पें होने के बाद 3 मई को लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था.
उन्होंने कहा ''इम्फाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम जनता की उनके आवासों के बाहर आवाजाही पर प्रतिबंध 2 जुलाई, 2023 (रविवार) को सुबह 05:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक हटा दिया गया है.'' वहीं राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने लोगों से शांति की अपील की है.
मणिपुर के राज्यपाल ने अनुसुइया उइके ने महिलाओं से सुरक्षा अभियानों के दौरान सड़कें अवरुद्ध करने से बचने का आग्रह किया है. शांति की अपील करते हुए उइके ने कहा कि वह जातीय संघर्ष से बेहद सदमे में हैं और निराश हैं, जो अभी भी जारी है. राज्यपाल का यह बयान सुरक्षा अभियानों के दौरान संघर्षग्रस्त राज्य में सड़कों को अवरुद्ध करने की कई घटनाओं की सूचना के बाद आया है.
अफवाहें फैलाने से बचें लोगः राज्यपाल
उन्होंने कहा, "मैं तहे दिल से आप सभी से, विशेषकर माताओं और बहनों से अपील करती हूं कि सड़कों पर सुरक्षा बलों को रोकने से बचें, क्योंकि वे राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "सबसे जरूरी बात यह है कि हर किसी को निराधार अफवाहें फैलाने में विश्वास नहीं करना चाहिए और हमेशा इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए. राज्य के पिछले शांतिपूर्ण माहौल को बहाल करने के लिए सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है और किया जाना चाहिए."
तीन मई की झड़प में कई लोग हुए हैं विस्थापित
राज्यपाल ने कहा कि तीन मई को हुई झड़प के बाद से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और विभिन्न राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं. उन्होंने कहा, इसके अलावा, दोनों समुदायों के असंख्य घरों को आग लगा दी गई और संपत्ति नष्ट हो गई. राज्यपाल ने कहा कि, "मैं इस तरह के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा करती हूं. इन अविश्वसनीय घटनाओं के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ धान की खेती की गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है क्योंकि किसान डर के कारण काम करने की स्थिति में नहीं हैं."
घटना से युवाओं-बच्चों पर पड़ेगा बुरा असर
उन्होंने कहा, "मैं जाति, पंथ और धर्म से ऊपर उठकर सभी से सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से समस्या को हल करने के लिए अपना पूरा सहयोग देने की अपील करती हूं. ताकि सह-अस्तित्व की हमारी सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखा जा सके." राज्यपाल ने कहा कि ऐसी घटनाओं से युवाओं और बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो राज्य के भविष्य के स्तंभ हैं. उन्होंने बयान में कहा, ''मणिपुर के मेरे प्यारे नागरिकों, आखिरकार, मैं एक बार फिर आपसे आने वाले दिनों और वर्षों में शांतिपूर्ण जीवन जीने की अपील करती हूं.'
बीते हफ्ते महिलाओं की भीड़ ने रोका था सुरक्षा बलों का रास्ता
दरअसल, बीते हफ्ते मणिपुर में सुरक्षा बलों को ऐसे ही एक मामले का सामना करना पड़ा था. यहां महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षाबलों को एक इलाके में घेर लिया था. इस तरह से घेरे जाने के बाद सुरक्षाबलों को अपना तलाशी अभियान रोकना पड़ा था. इस विरोध के कारण सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को भी छोड़ना पड़ा था, जिन्हें तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने पकड़ा था. भारतीय सेना की स्पीयर कोर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'सुरक्षा बलों को शनिवार को मणिपुर के इथम गांव में एक तलाशी अभियान चलाया था. इस ऑपरेशन के दौरान केवाईकेएल (कांगलेई यावोल कन्ना लूप) विद्रोही समूह के 12 गिरफ्तार उग्रवादियों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. स्पीयर कॉर्प्स ने ट्विटर पर ऑपरेशन की विफलता की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि इलाके में 1200-1500 महिलाओं की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उग्रवादियों को छुड़ा लिया था.
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