Manipur Attack: शहीद के अंतिम संस्कार में बोले पिता- एक बेटा लौटा है, दूसरा लड़ता रहेगा

मणिपुर हमले में शहीद जवान खतनेई कोन्याक (Kathnei Konyak) के अंतिम संस्कार के दौरान उनके पिता का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे सुनकर हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. 

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शहीद Kathnei Konyak के पिता शहीद Kathnei Konyak के पिता

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 17 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST
  • मणिपुर आतंकी हमले में हुए थे शहीद
  • शहीद खतनेई कोन्याक के पिता का बयान
  • भारतीय सेना ने शेयर किया वीडियो

मणिपुर में हुए आतंकी हमले (Manipur Attack) में एक कर्नल समेत चार जवान शहीद हो गए. कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) की पत्नी और मासूम बेटा भी इस हमले के शिकार हुए. इस बीच शहीद जवान खतनेई कोन्याक (Kathnei Konyak) के अंतिम संस्कार के दौरान उनके पिता का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे सुनकर हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. 

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इस वीडियो को खुद भारतीय सेना (Indian Army) ने रीट्वीट किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि मणिपुर आतंकी हमले में शहीद हुए राइफलमैन खतनेई कोन्याक (Rifleman Kathnei Konyak) के पार्थिव शरीर के पास उनके पिता खड़े हैं. इस दौरान उन्होंने ऐसी बातें कहीं, जिसे सुनकर हर देशवासी को गर्व होगा. कोन्याक के पिता ने कहा कि अभी उनका एक और बेटा जिंदा है. वह देश की सेवा करना जारी रखेगा. 

'एक बेटा लौट आया, अब दूसरा देशसेवा करेगा'

शहीद कोन्याक के अंतिम संस्कार के दौरान उनके पिता ने कहा- "मैंने अपने दो बेटों को देश को मजबूत बनाने के लिए दिया था. आज एक लौट आया है. मेरे पास एक और है. कोन्याक का भाई उसकी तरह ही देश की सेवा करता रहेगा."

आपको बता दें कि 13 नवंबर को मणिपुर आतंकी हमले में राइफलमैन कथनेई कोन्याक शहीद हो गए थे. कोन्याक का नगालैंड के तिजित (Tizit) में अंतिम संस्कार किया गया. इस हमले में कोन्याक के अलावा कर्नल विप्लव त्रिपाठी, राइफलमैन श्यामल दास, सुमन स्वरगियरी, आरपी मीणा भी शहीद हुए थे. कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और एक बेटा भी इस हादसे में मारे गए थे. 

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हमले की MNPF ने ली जिम्मेदारी

इस बीच Manipur Naga People's Front (MNPF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली है. संगठन ने एक नोट जारी कर कहा है कि हमला करने वाले लोग इस बात से अंजान थे कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे. नोट में कहा गया कि वे संवेदनशील इलाकों में परिवार को साथ लेकर ना आएं.

बता दें कि ये हमला भी तब हुआ जब 6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था. 

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