प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 सितंबर को मणिपुर दौरे से पहले- यानी राष्ट्रपति शासन लागू हुए पूरे सात महीने बाद- राज्य में राजनीतिक और सुरक्षा गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है. मंगलवार सुबह राज्यपाल ए.के. भल्ला ने चुराचांदपुर जिले के भाजपा विधायकों से डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में मुलाकात की और दौरे से जुड़ी तैयारियों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे कुकी-जो विधायक
बैठक सुबह 10:30 बजे शुरू हुई, जिसमें तिपाइमुख के विधायक नगुरसंगलूर सनाते, थानलोन के वुंगजगिन वाल्टे, हेंगलेप के लेटजामंग हाओकिप, चुराचांदपुर के एल.एम. खाउटे और सैकॉट के पाओलिएनलाल हाओकिप शामिल हुए. इनके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष थंगलाम हाओकिप भी मौजूद थे. सिंगहाट के विधायक चिनलुंथांग इस बैठक से अनुपस्थित रहे.
बैठक में मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल, डीजीपी राजीव सिंह और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह भी शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार, कुकी-जो विधायकों ने राज्यपाल को बताया कि वे प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें 'राजनीतिक समाधान' की मांग दोहराई जाएगी- जिसका व्यापक अर्थ कुकी-जो बहुल पहाड़ी जिलों के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा माना जा रहा है.
राजभवन में हुई उच्चस्तरीय चर्चा
यह बैठक 7 सितंबर को राजभवन, इम्फाल में राज्यपाल भल्ला की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय चर्चा के बाद बुलाई गई. उस चर्चा में भाजपा के 32 में से 23 विधायक शामिल हुए थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष ठोकचोम सत्यव्रत सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा देवी भी मौजूद थे. उस समय मुख्य फोकस कार्यक्रम प्रबंधन, सुरक्षा इंतजाम और प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान शांति बनाए रखने के उपायों पर था.
मणिपुर में सुरक्षा तैयारियां तेज
इधर, पूरे मणिपुर में सुरक्षा तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सोमवार को सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों- लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत पेंढारकर (कमांडर, 3 कोर) और मेजर जनरल रवरूप सिंह (आईजी असम राइफल्स)- ने इम्फाल के कांगला फोर्ट का निरीक्षण किया, जहां प्रधानमंत्री का एक सार्वजनिक कार्यक्रम होगा. अधिकारियों ने निर्माण कार्य, सुरक्षा तैनाती और भीड़ प्रबंधन की समीक्षा की.
कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में लोगों को संबोधित करेंगे और उसके बाद इम्फाल के कांगला फोर्ट में कार्यक्रम में शामिल होंगे. यह उनका 3 मई 2023 को शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद मणिपुर का पहला दौरा होगा.
बेबी शिरीन