पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी "दुर्गा आंगन" परियोजना को लेकर राज्य की राजनीति में विवाद गहराता जा रहा है. इस बीच ममता बनर्जी ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर भावुक प्रतिक्रिया दी और खुद को सच्ची सेक्युलर बताया. उन्होंने कहा कि जब वह रोजा के दावत में भी शामिल होती हैं तो उनका विरोध किया जाता है.
ममता बनर्जी ने कहा, "मुझ पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन मैं किसी का तुष्टिकरण नहीं करती. मैं सच्ची सेक्युलर हूं. आप मुझे ऐसा कोई धर्म नहीं दिखा सकते, जिसके कार्यक्रम में मैं नहीं जाती." उन्होंने इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर उठे सवालों पर भी जवाब दिया.
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मुख्यमंत्री ने कहा, "जब मैं गुरुद्वारे जाती हूं तो सिर ढकती हूं, तो फिर रोज़ा के दौरान ऐसा करने पर आपत्ति क्यों होती है. आज मैं यहां आई हूं, इसलिए शॉल ओढ़ी है, क्योंकि धार्मिक कार्यक्रमों में हिंदू महिलाएं भी घूंघट या सिर ढकती हैं. यही हमारी संस्कृति है. हर धर्म के अपने नियम होते हैं."
'असुर का नाश, इंसानियत को वापस लाएं', ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हर चीज को नष्ट करना चाहते हैं. वह मंच पर भावुक हो गईं और कहा, "मैं मां दुर्गा, महिषासुरमर्दिनी से प्रार्थना करना चाहती हूं कि वह असुर का नाश करें और इंसानियत को वापस लाएं. अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है."
इसी कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कोलकाता में दुर्गा आंगन परिसर की आधारशिला रखी. उन्होंने बताया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा दुर्गा आंगन होगा, जहां साल के 365 दिन मां दुर्गा के दर्शन किए जा सकेंगे. इस परिसर का क्षेत्रफल करीब दो लाख वर्ग फीट होगा और यहां रोजाना एक लाख श्रद्धालु आ सकेंगे.
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न कोई टेंडर हुआ, न कोई वर्क ऑर्डर- सुवेंदु अधिकारी
वहीं विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस परियोजना पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह जमीन उद्योग के लिए तय थी, लेकिन सरकार ने उद्योग भगा दिए. न कोई टेंडर हुआ, न कोई वर्क ऑर्डर है. उन्होंने इस योजना को पूरी तरह फर्जी बताया.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिशिर बजोरिया ने भी तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह का दावा किया. उनका कहना है कि टीएमसी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं.
इंद्रजीत कुंडू / तपस सेनगुप्ता