माली में आतंकवादियों ने किया पांच भारतीयों का अपहरण, सरकार ने सुरक्षित रिहाई के प्रयास तेज किए

इस बीच, तमिलनाडु के नेताओं ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. AIADMK नेता ई. पलानीस्वामी (EPS) ने कहा, “पांचों तमिल मजदूरों को तुरंत छुड़ाने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने चाहिए.”

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तमिलनाडु के मजदूरों को आतंकियों ने माली में बनाया बंधक (Representative image: AFP) तमिलनाडु के मजदूरों को आतंकियों ने माली में बनाया बंधक (Representative image: AFP)

प्रमोद माधव / प्रणय उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

विदेश मंत्रालय (MEA) ने माली में पांच भारतीय नागरिकों के अपहरण की पुष्टि की है. मंत्रालय ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 6 नवंबर, 2025 को हुई. अपहृत हुए ये पांचों नागरिक तमिलनाडु के तूतीकुड़ी और तेनकासी जिलों के रहने वाले हैं.

MEA ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि माली में भारतीय दूतावास इस घटना से अवगत है और अपहृत व्यक्तियों की सुरक्षित और जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और संबंधित कंपनी के साथ नजदीकी संपर्क में है. मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास यथाशीघ्र किए जा रहे हैं.

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यह खुलासा हुआ है कि ये सभी पांचों तमिल नागरिक मुंबई स्थित कंपनी 'ट्रॉइंग रेल लाइटिंग' के लिए काम कर रहे थे और माली के कौरी शहर के पास एक निजी कंपनी में विद्युतीकरण परियोजना पर तैनात थे, तभी आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया. 

यह भी पढ़ें: माली में अल कायदा के आतंकियों ने किया तीन भारतीयों का अपहरण, भारत ने की तुरंत रिहाई की अपील

नेताओं ने की शीघ्र रिहाई की मांग

अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध न होने के कारण, उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है. अपहरण किए गए इन पांचों लोग बेहद गरीब तबके से आते हैं. इस घटना के बाद, AIADMK नेता ई. पलानीस्वामी और डॉ. अंबुमणि रामदास जैसे नेताओं ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और माली के अधिकारियों के माध्यम से आतंकवादियों के साथ बातचीत करके इन तमिल नागरिकों को शीघ्र छुड़ाने की मांग की है.

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अंबुमणि रामदास ने कहा, 'माली में अपहृत तमिलों को बचाने के अलावा, मैं तमिलनाडु सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह राज्य में सम्मानजनक रोज़गार के अवसर पैदा करे ताकि तमिलनाडु के लोगों को खतरनाक देशों में कम वेतन वाली नौकरियां लेने से रोका जा सके.'

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