मुंबई में एक विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को जमानत दे दी है. बता दें कि भाजपा नेता मोहित कंबोज ने मानहानि की शिकायत की थी. इस मामले में समन के बाद अदालत में पेशी हुई. पेशी के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी है. मलिक को 15000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है.
मलिक ने आरोप लगाया था कि नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने काम्बोज के बहनोई ऋषभ सचदेवा को बीजेपी नेता के प्रभाव में कार्रवाई नहीं की थी. सचदेवा उस समय क्रूज पर थे, जब एनसीबी ने 2 अक्टूबर को एक ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था. मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये आरोप लगाए थे.
इन आरोपों पर मोहित कंबोज ने मानहानि की शिकायत की थी. उनके खिलाफ प्रक्रिया जारी करने के बाद मलिक सेवरी में मजिस्ट्रेट पी आई मोकाशी के सामने पेश हुए. मंत्री मलिक के वकील रमेश दुबे पाटिल ने अदालत में कहा कि कंबोज खुद वानखेड़े और नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो की वकालत कर रहे हैं. यह मामला बंबई उच्च न्यायालय में पहले से ही विचाराधीन है.
नवाब मलिक (Nawab Malik) सुबह एक कैबिनेट बैठक में शामिल हुए और तुरंत मध्य मुंबई की अदालत में पहुंचे, जहां उनके समर्थक बड़ी संख्या में पहले ही जमा हो चुके थे. वहां भारी भीड़ जमा होने के कारण कम्बोज भी कोर्ट रूम में प्रवेश नहीं कर सके. मर्चेंट ने अदालत को बताया कि कल रात मलिक ने ट्विटर पर पोस्ट किया, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता को सत्र न्यायालय में आमंत्रित किया.
उन्होंने कहा कि इस तरह का कृत्य पूरी तरह से अदालत पर दबाव बनाने और न्याय में बाधा डालने के उद्देश्य से किया गया था. कंबोज ने मलिक और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई थी. मजिस्ट्रेट कोर्ट 30 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगी.
विद्या