खेत का पंचनामा करने आए अधिकारियों के सामने किसान ने की आत्महत्या, कुएं में लगा दी छलांग

यह घटना संभाजीनगर की है. मृतक किसान के भाई का कहना है कि खेत का पंचनामा करने आए अधिकारियों ने जब उनके भाई को डांटा तो उसने कुएं में छलांग लगा दी.

Advertisement
महाराष्ट्र में किसान ने की आत्महत्या (Representational Photo) महाराष्ट्र में किसान ने की आत्महत्या (Representational Photo)

aajtak.in

  • संभाजी ,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

महाराष्ट्र के संभाजीनगर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. खेत का पंचनामा करने आए अधिकारियों के सामने ही एक किसान ने कुएं में छलांग लगाकर जान दे दी. इस घटना से पूरे गांव में तनाव फैल गया है.

महाराष्ट्र में लगातार हो रही अतिवृष्टि और बाढ़ जैसी परिस्थितियों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. कई जिलों में खेत पानी में डूब गए, फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं और किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे माहौल में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला भी थम नहीं रहा है. पैठण तालुका के खादगांव में मंगलवार को खेत का पंचनामा चल रहा था. इसी दौरान 45 वर्षीय किसान संजय शेषराव काकड़े ने अधिकारियों के सामने ही कुएं में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली.

Advertisement

इस पूरी घटना पर मृतक शख्स शेषराव काकड़े के भाई ने बताया कि दो दिन पहले नोटिस मिला था कि हमारे खेत से सड़क का काम रुका है. जब अधिकारी पंचनामा करने आए तो उन्होंने भाई को डांटा और कार्रवाई की बात कही. इसी से दुखी होकर भाई ने कुएं में छलांग लगा दी. हमने बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सके.

शेषराव काकड़े की पत्नी ने बताया कि मैडम उन्हें बातें सुना रही थीं, तभी इन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने कुएं में छलांग लगा दी. मेरे पति की मौत के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं. उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक, खादगांव से खर्डा तक बन रही सड़क के काम के दौरान उनके खेत के दोनों ओर गहरी खुदाई की गई थी. इससे खेत तक जाने का रास्ता बंद हो गया और बारिश का पानी खेत में भर गया. उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई। काकड़े इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके थे.  

Advertisement

लेकिन जब मंगलवार को अधिकारी पंचनामा कर रहे थे और उन्होंने अपनी व्यथा बताई, तो अधिकारियों ने उन्हें उल्टा डांट दिया. इससे आहत होकर उन्होंने अचानक पास के कुएं की ओर दौड़ लगाई और उसमें कूद गए. ग्रामीणों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

---- समाप्त ----
इनपुट: इसरारुद्दीन चिश्ती

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement