जंगल में सोना, नदी में नहाना, घुटने तक कीचड़ से सने पैर... डंकी रूट पर ऐसा था US से डिपोर्ट आकाश का हाल

अमेरिका से डिपोर्ट हुए आकाश के परिवार के उनके डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने के कुछ वीडियो साझा किए हैं, जिसमें वह पनामा के घने जंगलों में अन्य अवैध अप्रवासियों के साथ डेरा डाले हुए है. वीडियो में महिलाएं और बच्चे नदी से गुजरते हुए दिख रहे हैं. जंगल में कई जगह कीचड़ होने की वजह से उनके पैर पूरी तरह सन चुके हैं. परिवार ने बताया कि आकाश ने 10 महीने पहले भारत छोड़ा और 26 जनवरी को अमेरिका में एंट्री करने के लिए मैक्सिको बॉर्डर लांघ दिया.

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आकाश. आकाश.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

अमेरिकी सेना का विमान 104 भारतीय निर्वासित को लेकर बुधवार दोपहर के अमृतसर पहुंचा था, जिसमें हरियाणा के करनाल का रहने वाला 20 वर्षीय आकाश भी शामिल है. अमेरिका से निर्वासित किया जाने के एक दिन बाद आकाश के परिवार ने कई वीडियो साझा किए हैं, जिसमें डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने से पहले आकाश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. वीडियो में आकाश अमेरिका में एंट्री करने के लिए पनामा और मैक्सिको के खतरनाक इलाकों को पार कर रहे हैं. परिवार ने दावा किया कि उन्होंने आकाश की अमेरिका में एंट्री के लिए 72 लाख रुपये का भुगतान भी किया था.

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आकाश के परिवार द्वारा शेयर किए वीडियो में उनके के साथ अन्य अवैध प्रवासी भी दिख रहे हैं जो डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री के लिए जा रहे हैं. वीडियो में छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं जो जंगलों में सोने के लिए टेंट का सहारा ले रहे हैं. कई जगहों पर कीचड़ होने के कारण प्रवासियों को पैर पूरी तरह सन गए हैं. वीडियो आकाश और अन्य प्रवासी एक नदी को भी पार कर रहे हैं, जिसमें काफी ज्यादा पानी भरा है.

'आकाश ने 10 महीने पहले छोड़ा भारत'

परिवार द्वारा साझा किए गए वीडियो में आकाश अमेरिका के रास्ते में पनामा के घने जंगलों में कई अन्य अवैध अप्रवासियों के साथ डेरा डाले हुए दिख रहे हैं. वीडियो फुटेज में महिलाओं और बच्चे नदी से गुजरते हुए दिख रहे हैं. आकाश ने 10 महीने पहले भारत छोड़ा और 26 जनवरी को अमेरिका में एंट्री करने के लिए मैक्सिको बॉर्डर लांघ दिया.

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आकाश के परिवार का दावा है कि उन्होंने मैक्सिको के सीधे रास्ते जाने का भुगतान किया था, लेकिन इसके बावजूद उसे (आकाश) लंबे और ज्यादा खतरनाक रास्ते से भेजा गया था.

अमेरिकी चौकी पर पकड़ा गया आकाश

परिवार ने बताया कि बुधवार से पहले आकाश से आखिरी बार 26 जनवरी को अमेरिकी चौकी पर पकड़े जाने के ठीक बाद बात हुई थी. आकाश को कुछ समय की हिरासत के बाद मुचलके पर रिहा किया जाना था. हालांकि, अवैध आव्रजन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई के बीच दबाव में उनसे निर्वासन कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था.

परिवार ने ये भी बताया कि आकाश को बताया गया था, अगर उसने निर्वासन कागजात पर साइन नहीं किए तो उसे अमेरिकी जेल में रहना पड़ेगा.

वहीं, अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आकाश 5 फरवरी को अपने मामा के घर पहुंचा और वहां से निकल गया. आकाश के भाई शुभम ने दावा किया, जब से आकाश के पिता का निधन हुआ है, परिवार आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है. हालांकि, चीजें तब और खराब हो गईं, जब आकाश के आग्रह पर शुभम ने अपने भाई को अमेरिका भेजने का फैसला किया.

भुगतान के लिए बेची जमीन

शुभम ने अपने भाई की अमेरिका की अवैध यात्रा के लिए 65 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए 2.5 एकड़ पारिवारिक जमीन बेच दी. इसके अलावा उन्हें एजेंटों को लगभग 7 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा.

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शुभम ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, "हमने उसे अमेरिका भेजने के लिए कर्ज लिया, जमीन बेची और आभूषण भी गिरवी रखे. अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है. हमने जो किया वह किसी को नहीं करना चाहिए. सरकार को इन एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए."

आपको बता दें कि दक्षिणी सीमा से अमेरिका में एंट्री करने के दो मुख्य रास्ते हैं. एक सीधे मैक्सिको के माध्यम से और दूसरा जिसे डंकी रूट के रूप में जाना जाता है. जिसमें कई देशों को पार कर, घने जंगलों और ऊंचे समुद्रों समेत खतरनाक इलाकों में नेविगेट करना शामिल हैं. इस रास्ते पर प्रवासियों को अमेरिका पहुंचने से पहले कई फ्लाइट, टैक्सियों, कंटेनर ट्रकों, बसों और नावों के जरिए से ले भेजा जाता है. 

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