K-ड्रामा से K-फूड तक... बदल गया इंड‍िया की नई जेनरेशन का स्वाद, स्व‍िगी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

स्विगी के डेटा के अनुसार कोरियन खाने की मांग में 17 गुना और वियतनामी खाने की मांग में 6 गुना वृद्धि हुई है. इसके साथ ही विदेशी ड्रिंक्स जैसे बोबा टी और माचा की लोकप्रियता भी बढ़ी है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और 2024 तक इसकी वैल्यू $8.9 बिलियन तक पहुंच गई है. हालांकि, बिरयानी और डोसा जैसे पारंपरिक व्यंजन अभी भी सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जा रहे हैं.

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भारत में कोरियन-वियतनामी डिशेज की बाढ़, बिरयानी को भी चुनौती (Photo:Pexels) भारत में कोरियन-वियतनामी डिशेज की बाढ़, बिरयानी को भी चुनौती (Photo:Pexels)

पल्लवी पाठक

  • नई दिल्ली ,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

वो दौर अब पुराना हो गया जब चिली पोटैटो, स्प्रिंग रोल और चाउमीन जैसे चाइनीज डिशेज ही विदेशी खाने के मेन्यू में हावी रहते थे. पिछले कुछ सालों में, भारतीयों के खाने-पीने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है. जो डिशेज कभी मुश्किल से मिला करती थीं, वे आज ऑनलाइन ऑर्डर और फास्ट फूड मेन्यू का हिस्सा बन चुकी हैं. ये बदलाव केवल खाने की प्लेट तक सीमित नहीं है बल्कि इसने हमारे ड्रिंक्स के विकल्पों को भी बदल दिया है.

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डिमांड में कोरियन और वियतनामी खाने की तेजी

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) के डेटा से पता चलता है कि भारतीय अब कोरियन फूड की जबरदस्त डिमांड कर रहे हैं. साल 2022 से भारत में कोरियन खाने की मांग में सत्रह गुना की बड़ी बढ़ोतरी हुई है. वहीं, वियतनामी डिश की खपत में छह गुना की वृद्धि हुई है, मैक्सिकन खाने की खपत लगभग चार गुना हो गई है, और फ्रेंच और जापानी जैसे पहले से ही लोकप्रिय व्यंजनों की खपत भी लगभग तीन गुना बढ़ी है. यह दिखाता है कि भारतीय ग्राहक अब ग्लोबल फ्लेवर्स को लेकर ज्यादा उत्सुक हैं.

ड्रिंक्स भी बदल रहे हैं

खाने की तरह, ड्रिंक्स भी यही कहानी बयां करते हैं. स्विगी और केर्नी (Swiggy-Kearney) की 'हाउ इंडिया ईट्स' रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में विदेशी ड्रिंक्स को भी खूब तवज्जो मिली है. बोबा टी की सर्च में ग्यारह गुना की बढ़ोतरी हुई है जबकि माचा की सर्च लगभग चार गुना बढ़ी है.

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ऑनलाइन मार्केट ने किया ट्रेंड को तेज

इस इंटरनेशनल फूड ट्रेंड को ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट ने और भी तेज कर दिया है. ये मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. 2018 में इसकी वैल्यू केवल $1.3 बिलियन थी. 2024 तक ये बढ़कर $8.9 बिलियन हो गई है. स्विगी का अनुमान है कि 2028 तक यह $16–30 बिलियन तक पहुंच जाएगा.

बिरयानी और डोसा का दबदबा बरकरार

नई डिशेज के बढ़ते क्रेज के बावजूद पारंपरिक भारतीय व्यंजनों का दबदबा अभी भी कायम है. 2024 में बिरयानी अभी भी भारत की पहली पसंद बनी हुई है. एक साल में इसके 83 मिलियन ऑर्डर किए गए जो कि हर मिनट लगभग 158 प्लेट या हर सेकंड दो से ज्यादा ऑर्डर के बराबर है. डोसा 23 मिलियन ऑर्डर के साथ दूसरे नंबर पर है. इसके अलावा, चिकन रोल (2.48 मिलियन), चिकन मोमो (1.63 मिलियन), और फ्रेंच फ्राइज़ (1.3 मिलियन) दूसरे सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाले आइटम रहे हैं.

कोरियन खाने की मांग में के-ड्रामा का हाथ

भारत में कोरियन खाने की मांग में तेजी से वृद्धि का सीधा संबंध के-ड्रामा की लोकप्रियता से है. पीयर-रिव्यूड इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंडियन साइकोलॉजी की एक स्टडी 'रोमैंट‍िक आइड‍ियल्स एंड रिलेशनश‍िप एक्सपेक्टेशंस: K-Drama इनफ्लूएंस ऑन इंड‍ियन व्यूअर्स' के अनुसार तीन-चौथाई भारतीय युवा नियमित रूप से कोरियन शोज देखते हैं. औसतन, वे महीने में लगभग पांच शोज़ देखते हैं, जिनमें 'Crash Landing on You', 'Goblin' और 'Itaewon Class' सबसे पसंदीदा हैं.

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साउथ कोरियन कंटेंट अब विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा देखा और एक्सपोर्ट किया जाने वाला कंटेंट बन चुका है. नेटफ्लिक्स के डेटा और एम्पीयर के एनालिसिस के अनुसार, 2023 से साउथ कोरियन शोज कुल व्यूइंग आवर्स में US कंटेंट के बाद दूसरे स्थान पर हैं और ये नेटफ्लिक्स के कुल व्यूइंग आवर्स का लगातार 8–9% हिस्सा बनाए हुए हैं. भारत में नेटफ्लिक्स डेटा के मुताबिक नवंबर 2025 में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 'डायनामाइट' देखी गई है जो कि एक कोरियन सीरीज है.

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