लॉरेंस बिश्नोई का वो पहला क्राइम, जिसमें अदालत ने उसे कर दिया था बरी

लॉरेंस ने जेल में रहते हुए पिछले कुछ सालों में अपनी गैंग के सहारे कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. लॉरेंस ने साल 2008 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा था. लेकिन अपने पहले क्राइम के लिए अदालत ने उसे बरी कर दिया था.

Advertisement
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई. (PTI/File Photo) गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई. (PTI/File Photo)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:59 AM IST

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. लॉरेंस ने जेल में रहते हुए पिछले कुछ सालों में अपनी गैंग के सहारे कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. लॉरेंस ने साल 2008 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा था. लेकिन अपने पहले क्राइम के लिए अदालत ने उसे बरी कर दिया था.

Advertisement

2008 में लॉरेंस ने चलाई थी गोली   

जानकारी के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई पर साल 2008 में IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत FIR दर्ज हुई थी. चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2008 में चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़े उदय पर अपने दोस्त की लाइसेंसी पिस्टल से गोली चलाई थी. इसके बाद उसपर केस दर्ज हुई था. इस केस में वो पहली बार जेल भी गया था. लारेंस बिश्नोई जेल गया था

दरअसल, यूनिवर्सिटी के चुनाव में लॉरेंस का दोस्त रॉबिन बराड़ SOPU से चुनाव मैदान में खड़ा था, जबकि उसके विरोध में PUSU ग्रुप से उदय लड़ रहा था. लॉरेंस बिश्नोई ने अपने दोस्त के खिलाफ खड़े शख्स पर चुनाव प्रचार के दौरान जानलेवा हमला करते हुए गोली चलाई थी. लेकिन इस मामले में अदालत ने उसे बरी कर दिया था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: बाबा सिद्दीकी की सीट से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को चुनाव लड़ाने की तैयारी! खरीदा गया नामांकन पत्र

दाऊद की तरह फैलाया नेटवर्क

पंजाब के फजिल्का जिले के दुतरांवाली गांव में जन्मा लॉरेंस बिश्नोई आज देश का बड़ा गैंगस्टर बन चुका है. उसकी तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम तक से होने लगी है. एनआईए की चार्जशीट से पता चलता है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसके सिंडिकेट भी ठीक उसी तरह फैला, जैसा 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम का नेटवर्क फैला था. दाऊद भी छोटे-मोटे अपराधों से अंडरवर्ल्ड की दुनिया में आ गया था.

जेल से ही चल रही बिश्नोई गैंग? 

लॉरेंस बिश्नोई 2016 से जेल में बंद है, लेकिन उसके बावजूद उसकी गैंग बढ़ती जा रही है. लॉरेंस बिश्नोई के काम करने का पैटर्न भी अलग है. वो जेल में रहते हुए अपराधियों से मिलता है, उन्हें अपनी गैंग में शामिल करता है और जब वो बाहर आते हैं तो उसकी प्लानिंग को अंजाम देते हैं. जेल में रहते हुए लॉरेंस ने अपराधियों की एक गैंग तैयार की है. 

रिहा होने के बाद वो आर्म्स डीलर और स्थानीय माफियाओं के साथ मिलकर अपराध करते हैं. इतना ही नहीं, कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि लॉरेंस बिश्नोई जेल में रहकर वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी VOIP के जरिए कॉल करता है. इसमें इंटरनेट से कॉल किया जाता है. ऐसी कॉल को ट्रेस कर पाना बहुत मुश्किल होता है.

Advertisement

कहां-कहां फैली है बिश्नोई गैंग? 

लॉरेंस बिश्नोई की गैंग का ज्यादातर कामकाज कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ संभालता है. गोल्डी बराड़ भी वांटेड अपराधी है. एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई की गैंग में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं, जिनमें से 300 तो अकेले पंजाब में है. एनआई के मुताबिक, कभी बिश्नोई गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था, लेकिन गोल्डी बराड़ की मदद से वो अब उत्तर भारत के कई राज्यों तक फैल गया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement