बेंगलुरु की टूटी सड़कों और गंदगी पर किरण शॉ ने उठाया सवाल, समर्थन में उतरी जनता लेकिन खफा हो गए डिप्टी CM

बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ ने बेंगलुरु की खराब सड़कों और कचरे के प्रबंधन को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसे जनता और विपक्षी दलों दोनों का समर्थन मिला. लेकिन कर्नाटक सरकार ने इस आलोचना को राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया.

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बीजेपी और जेडीएस के नेताओं ने भी किरण शॉ के समर्थन में पोस्ट किया. (Photo: Instagram/Kiran Mazumdar-Shaw) बीजेपी और जेडीएस के नेताओं ने भी किरण शॉ के समर्थन में पोस्ट किया. (Photo: Instagram/Kiran Mazumdar-Shaw)

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 16 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ ने बेंगलुरु की जर्जर सड़कों और कचरे के खराब मैनेजमेंट को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की. अब इस पोस्ट ने एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. एक तरफ लोगों ने बड़ी संख्या में उनका समर्थन किया है, तो वहीं कर्नाटक सरकार ने उनकी आलोचना पर कड़ा रुख दिखाया है.

किरण मजूमदार-शॉ ने बेंगलुरु की सड़कों और गंदगी को लेकर पोस्ट किया था, जिसके बाद हजारों नागरिकों ने अपनी-अपनी परेशानियां शेयर कीं. लोगों ने टूटी सड़कों, धूल और लापरवाही से भरे हालात पर गुस्सा जताया.

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समर्थन में उतरे कई लोग

एक यूजर ने लिखा, 'सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बेंगलुरु को संभालने में नाकाम रही है. सड़कें टूटी हैं, जगह-जगह कचरा फैला है और बिजली अक्सर जाती रहती है. 'ब्रांड बेंगलुरु' की बातें अब हकीकत को नहीं छिपा सकतीं.'

बोम्मसंद्रा इलाके के एक निवासी ने लिखा, 'इंडस्ट्रियल एरिया में हर जगह कचरा है, सड़कें बेहद खराब हैं और धूल से हाल बेहाल है. इतनी सारी फार्मा कंपनियां हैं, लेकिन माहौल न साफ है और न स्वस्थ. सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.'

कई लोगों ने कहा कि उनकी नाराजगी राजनीति से नहीं, बल्कि अपने शहर के प्रति प्यार से जुड़ी है. एक यूजर ने लिखा, 'वर्थुर रोड पर फंस गया- 1 किलोमीटर पार करने में 45 मिनट लग गए. मैं एक गर्वित कन्नडिगा हूं, लेकिन अब ये स्थिति असहनीय हो गई है.'

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बीजेपी और जेडीएस ने कांग्रेस को घेरा

बीजेपी और जेडीएस के नेताओं ने भी किरण शॉ का समर्थन किया. बीजेपी सांसद सीएन मंजूनाथ ने उन्हें 'फर्स्ट-जेनेरेशन एंटरप्रेन्योर और ग्लोबल बिजनेस लीडर' बताते हुए कहा कि 'उन्होंने बेंगलुरु और देश को गौरव दिलाया है. उनकी टिप्पणियों को 'रचनात्मक सुझाव' के रूप में देखा जाना चाहिए और सरकार को बचाव में उतरने के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए.'

जेडीएस नेता निखिल कुमारस्वामी ने भी कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'किरण शॉ की चिंताओं को सकारात्मक रूप से लेकर बेंगलुरु की गंदगी दूर करने के बजाय कांग्रेस के मंत्री उन्हें धमका रहे हैं. शायद कांग्रेस ने सड़कें नहीं, बल्कि एक्स को जवाबों से भर दिया है.' एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'जब अहंकार नीति बन जाता है और लापरवाही शासन, तो यही नतीजा होता है.'

डीके शिवकुमार का कड़ा रुख

कर्नाटक सरकार ने कहा कि इस तरह की आलोचनाओं से राज्य की छवि को नुकसान पहुंचता है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, 'सरकार की आलोचना करने वाले ट्वीट्स राज्य और देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'पिछले 25 वर्षों में बेंगलुरु ने कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दिया है. भारत लोकतांत्रिक देश है. यह चीन नहीं है. यहां हर चीज की एक सीमा होती है. अगर जड़ों को भूल जाओगे, तो फल नहीं मिलेगा.'

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