केरल के मावेलिक्कारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने वर्ष 2012 में हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ता विशाल की हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी 19 आरोपियों को बरी कर दिया. एक नाबालिग आरोपी भी था, जिससे यह संख्या 20 होती है. सभी आरोपी कैंपस फ्रंट के कार्यकर्ता थे, जो अब प्रतिबंधित हो चुके संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का छात्र विंग था.
विशाल (19) पठानमथिट्टा जिले के कोन्नी में एनएसएस कॉलेज के फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था. 16 जुलाई 2012 को चेंगन्नूर क्रिश्चियन कॉलेज के सामने एबीवीपी द्वारा आयोजित नए छात्रों के स्वागत कार्यक्रम में भाग लेते समय उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. अभियोजन पक्ष का दावा था कि कैंपस फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत घटनास्थल पर पहुंचकर विशाल पर हमला किया और उसकी हत्या की.
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कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूत आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे. इसलिए सभी आरोपियों को बरी किया जाता है. कोर्ट ने एक लाइन में फैसला सुनाया. अभियोजन पक्ष ने इस फैसले को बेहद निराशाजनक बताया और केरल हाई कोर्ट में इसे चुनौती देने की बात कही. एबीवीपी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विशाल को न्याय नहीं मिला.
एबीवीपी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'कट्टरपंथियों के सामने आत्मसमर्पण करने वाली वामपंथी और दक्षिणपंथी सरकारों ने विशाल के साथ न्याय नहीं होने दिया. प्रतिबंधित आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट द्वारा की गई इस सुनियोजित हत्या के गवाह बने केरल स्टूडेंट्स यूनियन (KSU) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के नेता अपनी निष्ठा बदलकर आतंकी संगठनों की ओर झुकाव दिखा चुके हैं.' एबीवीपी ने कहा कि विशाल हत्याकांड से जुड़े सभी आरोपियों को सजा दिलवाने तक यह कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.
शिबिमोल