केरल के कन्नूर स्थित पलाथायी में चौथी कक्षा की एक बच्ची से यौन शोषण के मामले में BJP नेता और शिक्षक के. पद्मराजन को फास्ट-ट्रैक POCSO कोर्ट ने आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने इस मामले में दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने पद्मराजन को कल शुक्रवार को ही दोषी करार दिया था.
दोषी के. पद्मराजन BJP त्रिप्पनगोट्टूर पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष था और संघ परिवार से जुड़े नेशनल टीचर्स यूनियन (NTU) के जिला पदाधिकारी भी रहा है.
यह मामला शुरू से ही विवादों में रहा. जांच टीम को पांच बार बदला गया और बीच की चार्जशीट में POCSO की धाराएं शामिल नहीं की गईं, जिसे लेकर कड़ा विरोध हुआ. आरोप था कि 2020 के जनवरी से फरवरी के बीच बच्ची का शोषण पहले स्कूल के टॉयलेट में और फिर एक घर में किया गया.
परिजनों ने शिकायत थालसेरी DySP को दी थी, लेकिन शुरुआती पुलिस जांच में शिकायत को गलत बताया गया. इसके खिलाफ भारी विरोध हुआ. बाद में पद्मराजन, जो अपने एक रिश्तेदार के घर में छिपा हुआ था, 15 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया गया. पीड़िता के परिवार ने जांच टीम पर गंभीर सवाल उठाए, जिसके बाद मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया.
फरवरी 2024 में शुरू हुई सुनवाई
थालसेरी POCSO कोर्ट में फरवरी 2024 में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई. कल शुक्रवार को अदालत ने आरोपी को दोषी पाया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि बच्ची को न्याय मिलना चाहिए और आरोपी को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए, खासकर बाल दिवस के मौके पर इसका फैसला आना प्रतीकात्मक रूप से अहम है.
सजा के दौरान क्या हुआ?
अभियोजन पक्ष ने अदालत में अधिकतम सजा की मांग की. वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि आरोपी उम्रदराज है और उसके परिवार पत्नी, बच्चे और मां की जिम्मेदारी उसी पर है. इसलिए सजा को कम किया जाए. इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि फैसला केस के कानूनी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर होगा.
कोर्ट ने पीड़ित बच्ची के बयान सहित कुल 40 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिनमें बच्ची की सहेली, अन्य छात्र और चार शिक्षक शामिल थे.
शिबिमोल