J-K: गर्मी की वजह से कुछ इलाकों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस का प्रकोप, एक्सपर्ट्स ने बताए बचाव के तरीके

गैस्ट्रोएंटेराइटिस की रोकथाम के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होता है. जैसे कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, खासकर खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद. भोजन की उचित तैयारी और स्टोरेज भी अहम है.

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गैस्ट्रोएंटेराइटिस का प्रकोप (फाइल फोटो) गैस्ट्रोएंटेराइटिस का प्रकोप (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सल्लर और काजीगुंड इलाकों में लंबे समय से जारी सूखे के साथ-साथ भीषण गर्मी की वजह से गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) का प्रकोप बढ़ गया है. हालांकि, स्थिति पर काबू पा लिया गया है और गुरुवार तक कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है. गैस्ट्रोएंटेराइटिस को आम तौर पर पेट फ्लू के रूप में जाना जाता है. यह पाचन तंत्र का एक संक्रमण है, जिसके लक्षण दस्त, उल्टी, पेट दर्द और कभी-कभी बुखार जैसे होते हैं. यह दूषित भोजन या पानी के साथ-साथ व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के जरिए से तेजी से फैल सकता है.

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गैस्ट्रोएंटेराइटिस की रोकथाम के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होता है. जैसे कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, खासकर खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद. भोजन की उचित तैयारी और स्टोरेज भी अहम है.

एक ही गांव में 80 से ज्यादा केस

काजीगुंड के केवा गांव और अनंतनाग के ट्रायल गांव में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के प्रकोप की जानकारी मिली है, जिसमें केवा गांव में 15 मामले और त्राल गांव में 89 केस रिपोर्ट किए गए हैं. सालेर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. जहूर अहमद ने बताया कि कुछ दिन पहले बीमारी के प्रकोप के बाद से हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है.

कुलगाम की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सबा वानी ने कहा, "गैस्ट्रोएंटेराइटिस गर्मी की वजह से वाला मौसमी प्रकोप है. लोगों को पानी को उपयोग करने से पहले लगभग बीस मिनट तक उबालना चाहिए और पर्यावरण को साफ-सुथरा रखना चाहिए."

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गर्मियों में रिपोर्ट किए जाते हैं ऐसे मामले

श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. मुजफ्फर जान ने कहा कि कश्मीर में हर साल गर्मियों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामले रिपोर्ट किए जाते हैं. उन्होंने कहा, "गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामलों का मुख्य कारण दूषित भोजन और व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी है."

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय कश्मीर (DHSK) ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा अधीक्षकों और ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को गैस्ट्रोएंटेराइटिस के आगे कोशिश को रोकने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने और जनता को तमाम मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया है.

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(इनपुट- उमैसर गुल)

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