अजीम प्रेमजी ने ठुकराई कर्नाटक CM सिद्धारमैया की गुजारिश, आम लोगों के लिए नहीं खोलेंगे कैंपस वाली रोड

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक कम करने के लिए विप्रो के सरजापुर कैंपस से जनता को आवागमन की अनुमति देने का अनुरोध किया था. हालांकि, विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी ने इसे असंभव बताया, क्योंकि कैंपस निजी संपत्ति और SEZ के तहत आता है. उन्होंने स्थायी हल खोजने में सरकार के साथ सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

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सीएम सिद्धारमैया ने 19 सितंबर को अजीम प्रेमजी को लेटर लिखा था. (Photo- ITG) सीएम सिद्धारमैया ने 19 सितंबर को अजीम प्रेमजी को लेटर लिखा था. (Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

बेंगलुरु की आउटर रिंग रोड (ORR) पर बढ़ते ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने आईटी कंपनी विप्रो से सहयोग की अपील की थी. इस कड़ी में उन्होंने विप्रो के फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी से अनुरोध किया था कि सीमित समय के लिए जनता को कंपनी के सरजापुर कैंपस से होकर आने-जाने की अनुमति दी जाए.

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CM सिद्धरामैया ने 19 सितंबर को लिखे अपने पत्र में कहा था, "प्रारंभिक आकलनों के अनुसार, यदि विप्रो अपने कैंपस का एक हिस्सा जनता के लिए खोल देता है तो आसपास के ORR पर ट्रैफिक लगभग 30% तक घट सकता है, खासकर ऑफिस आवर्स में. उन्होंने कहा था कि "पीक आवर्स में जाम से न केवल लोगों की मोबिलिटी और उत्पादकता प्रभावित होती है, बल्कि शहरी जीवन की गुणवत्ता भी बिगड़ती है."

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मुख्यमंत्री ने इस पहल को "कम्यूटर्स के अनुभव को बेहतर बनाने और शहर को अधिक रहने योग्य बनाने की दिशा में अहम कदम" बताया था. हालांकि, अजीम प्रेमजी ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को नकार दिया है और स्पेशल इकोनॉमिक जोन बताते हुए सिक्योरिटी की चिंता जाहिर की है.

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अजीम प्रेमजी ने लेटर के जवाब में क्या कहा?

अब अजीम प्रेमजी ने सीएम सिद्धारमैया के लेटर का जवाब दिया है और कहा है, "सरजापुर कैंपस कंपनी की निजी संपत्ति है और इसे पब्लिक आवागमन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कैंपस स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) के अंतर्गत आता है, जहां ग्लोबल क्लाइंट्स को सर्विस दी जाती है. ऐसे में कॉन्ट्रैक्चुअल और गवर्नेंस नियमों के तहत सख्त सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य है, जिसे बदला नहीं जा सकता.

अजीम प्रेमजी ने स्पष्ट किया कि "पब्लिक व्हीकुलर मूवमेंट न तो कानूनी रूप से संभव है और न ही यह कोई दीर्घकालिक समाधान साबित होगा." हालांकि, प्रेमजी ने यह भी कहा कि विप्रो सरकार के साथ मिलकर बेंगलुरु के ट्रैफिक संकट का स्थायी हल ढूंढने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सुझाव दिया कि एक डेटा-ड्रिवन, कोलैबोरेटिव स्टडी कराई जाए ताकि शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए प्रभावी समाधान खोजे जा सकें.

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अध्ययन की लागत विप्रो वहन करने को तैयार

प्रेमजी ने यह भी आश्वासन दिया कि विप्रो इस अध्ययन की लागत का एक बड़ा हिस्सा वहन करने को तैयार है. बेंगलुरु की आउटर रिंग रोड शहर के आईटी हब्स को जोड़ने वाला सबसे व्यस्त कॉरिडोर है. हाल के वर्षों में यहां ट्रैफिक जाम इतना बढ़ गया है कि कई कंपनियां दफ्तर स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं. हाल ही में लॉजिस्टिक्स टेक कंपनी ब्लैकबक ने खराब सड़कों और जाम का हवाला देते हुए अपने बेलंदूर ऑफिस को शिफ्ट करने का ऐलान किया था.

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