कांग्रेस हाईकमान की शनिवार रात हुई अहम बैठक ने कर्नाटक में चल रहे सियासी तनाव को फिलहाल शांत कर दिया है. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक खड़गे और सोनिया गांधी ने राज्य के दो बड़े नेताओं डी.के. शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच पावर शेयरिंग को लेकर तुरंत हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया.
राहुल गांधी ने बैठक में साफ कहा कि किसी भी तरह की चर्चा या फैसला 19 दिसंबर के बाद ही होना चाहिए ताकि संसद और विधानसभा सत्र के दौरान किसी तरह का शोर-शराबा न हो. वेणुगोपाल ने हाईकमान को हाल की 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी' की जानकारी दी और बताया कि फिलहाल दोनों नेता पार्टी लाइन का पालन कर रहे हैं. उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि हालात को और न बढ़ाएं और न ही टीवी या प्रिंट मीडिया को कोई टिप्पणी दें. हाईकमान इस मुद्दे पर खुद नजर रखे हुए है.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के सभी 140 विधायकों को भी सख्त हिदायत दी जा रही है कि वे लाइन से हटकर कोई बयान न दें. कर्नाटक में सर्दी के सत्र को शांतिपूर्वक चलाना और पार्टी की एकजुटता बनाए रखना प्राथमिकता माना गया है. स्थानीय निकाय चुनाव खत्म होने के बाद बातचीत का एक और दौर होने की संभावना है.
खड़गे और वेणुगोपाल शनिवार को इसी बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे थे. बैठक में कर्नाटक के मसले के साथ-साथ SIR आंदोलन समेत अन्य मुद्दों पर भी बात हुई. राहुल गांधी 25 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच यात्रा पर रहेंगे, इसलिए सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक का मामला 19 से 24 दिसंबर के बीच सुलझाया जा सकता है. दोनों नेताओं शिवकुमार और सिद्धारमैया को 19 दिसंबर के बाद दिल्ली बुलाया जाएगा.
सगाय राज