कर्नाटक: 'शिवमूर्ति के खिलाफ हुई साजिश', पीड़िता के चाचा ने बसवराज के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाले बसवराज को झटका लगा है. दरअसल बसवराज के खिलाफ पीड़िता के चाचा ने चित्रदुर्ग एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसमें टिपेस्वामी ने दावा किया कि बसवराज ने झूठ बोला है और मठ के संत के खिलाफ साजिश रची गई है. 

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लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा (फाइल फोटो) लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा (फाइल फोटो)

प्रियंका रुद्रप्पा

  • बेंगलुरू,
  • 04 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

कर्नाटक में लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाले बसवराज को झटका लगा है. दरअसल बसवराज के खिलाफ पीड़िता के चाचा ने चित्रदुर्ग एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसमें टिपेस्वामी ने दावा किया कि बसवराज ने झूठ बोला है और मठ के संत के खिलाफ साजिश रची गई है. 

अपनी शिकायत में टिपेस्वामी ने आरोप लगाया कि बसवराज ने माता-पिता से बच्चों की कस्टडी के लिए कहा था और उनकी पढ़ाई और शादी के खर्चों का ध्यान रखने का वादा किया गया था. इसके लिए लड़की को बेंगलुरू से लाकर बसवराज ने उनसे कागजात पर दस्तखत कराए थे.

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बता दें कि मुरुगा मठ के पूर्व प्रशासक एसके बसवराज और शिवमूर्ति मुरुगा एक-दूसरे के विश्वासपात्र थे, लेकिन बाद में दुश्मन बन गए. नाबालिगों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 26 अगस्त को संत शिवमूर्ति के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत बलात्कार और अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि संत ने इसके लिए बसवराज और उनकी पत्नी सौभाग्य को उनके खिलाफ साजिश रचने का दोषी ठहराया है. शिवमूर्ति के करीबियों का मानना है कि बसवराज और उनकी पत्नी संत को पोक्सो में फंसाने की मुख्य साजिशकर्ता हैं. 

इसके बाद बसवराज और उनकी पत्नी सौभाग्या के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. मुरुगा मठ की वार्डन रश्मि द्वारा बसवराजन के खिलाफ एक काउंटर शिकायत में बलात्कार और अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. उसने चित्रदुर्ग ग्रामीण पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 (A), 504, 506, 363, और धारा 120 (B) के तहत शिकायत दर्ज कराई. 

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क्या है बसवराज और शिवमूर्ति का संबंध? 

बसवराज एसके और शिवमूर्ति एक ही गांव के हैं. वे दोनों लिंगायत के जंगमारू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उसी साल मठ में शामिल हुए थे. बसवराज को मठ का अगला मुख्य पुजारी बनना था, लेकिन उन्हें सौभाग्या से प्यार हो गया और वे चले गए. शिवमूर्ति शरणारू अगली पंक्ति में थे. बलात्कार के आरोपी शिवमूर्ति मुरुगा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके 14 दिनों  की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.  

शादी के बाद मठ के प्रशासक बने थे बसवराज 

सौभाग्या से शादी के बाद बसवराज को मठ के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था. बसवराज ने एक समिति का गठन किया और मठ में सभी लेनदेन के लिए हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकरण बन गए. बसवराज के खिलाफ मठ के पैसों का दुरुपयोग करके उन्हें विधायक और एमएलसी चुनाव में लगाने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्हें मठ से हटा दिया गया.    

2008 में विधायक बने थे बसवराज 

बसवराज को 2007 में मठ से उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था. वह 2008 में राज्य के चित्रदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से जेडीएस के टिकट पर विधायक बने थे. हालांकि बाद के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.बसवराज 15 साल बाद फिर से मठ में शामिल हुए. उन्हें साल 2022 में मठ के प्रशासक के रूप में फिर से शामिल किया गया, लेकिन उसके पास पहले जैसी शक्तियां नहीं थीं. जैसे ही शिवमूर्ति और बसवराज ने एक बार फिर साथ काम करना शुरू किया तो अंतर्विरोध सामने आने लगे और जुलाई में बसवराज और उनकी पत्नी जल्दी ही मठ से चले गए.  

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