कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है. इस बीच, चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है और आरोप प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं. अब कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह के कथित बयान के लिए पुलिस से शिकायत की है. इसमें कहा है कि बीजेपी की एक रैली में भड़काऊ बयान दिया गया है और नफरत फैलाने की कोशिश हुई है. इस रैली में कहा गया कि अगर आगामी चुनाव में उनकी (कांग्रेस) पार्टी जीतती है तो कर्नाटक दंगों से पीड़ित होगा. कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने (अमित शाह) राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के इरादे से ऐसा बयान दिया है.
वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, डॉ. परमेश्वर और डीके शिवकुमार गुरुवार को बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन पहुंचे. यहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा की एक रैली के आयोजकों के खिलाफ नफरत और भड़काऊ बयान देने के लिए शिकायत की है. कांग्रेस ने पुलिस से यह भी कहा कि 'अपराध' के लिए पूर्व भाजपा प्रमुख (शाह) और अन्य के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाए.
'आम आदमी कहता तो गिरफ्तार कर लिया जाता'
कांग्रेस के सत्ता में आने पर दंगे होने के बयान का हवाला देते हुए कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा- कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कोई आम आदमी ऐसा करता तो उसे गिरफ्तार किया जाता. केंद्रीय गृह मंत्री यह नहीं कह सकते कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो साम्प्रदायिक दंगे होंगे. वह गृह मंत्री हैं, भाजपा के स्टार प्रचारक नहीं.
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'शाह के खिलाफ FIR दर्ज की जाए'
उन्होंने आगे कहा- मेरे खिलाफ 20 से ज्यादा मुकदमे बिना वजह दर्ज किए गए हैं. कांग्रेस पहले ही चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा चुकी है. वहां शिकायत दर्ज कराने के बाद हम यहां आए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- हम एक महत्वपूर्ण मुद्दे के साथ हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में आए हैं. हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है.
'फर्जी और झूठे बयानों का सहारा ले रही बीजेपी'
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने भी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, लेकिन सीएम बसवराज बोम्मई ने कोई कार्रवाई नहीं की. चूंकि भाजपा इस चुनाव में 40 सीटों से नीचे गिरकर हार रही है, इसलिए वे हताश हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अब वे फर्जी और झूठे बयान देने का सहारा ले रहे हैं.
शिकायत में यह आरोप लगाए गए
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 171 जी (चुनाव के संबंध में झूठा बयान), 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और 123 (युद्ध छेड़ने के लिए डिजाइन को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
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