Mansarovar Yatra: 6 साल बाद आज से कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानिए रूट, पेपरवर्क और जरूरी डिटेल

बताया जाता है कि मानसरोवर ब्रह्मा के मन से बना है और यहीं से सरयू, सतलुज, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख नदियां निकलती हैं.यह सरोवर लगभग 15,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक मीठे पानी की झील है, जिसका मुख्य स्रोत कैलाश है. आइये इस यात्रा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें.

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Tibet U-Tsang Mount Kailash In The South-West Of Tibet Between 4500M And 5800 M Of Altitude (Photo by BSIP/Universal Images Group via Getty Images) Tibet U-Tsang Mount Kailash In The South-West Of Tibet Between 4500M And 5800 M Of Altitude (Photo by BSIP/Universal Images Group via Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

शिव भक्तों का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. करीब 6 साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा आज (30 जून) से एक बार फिर शुरू हो गई है. पहले कोविड महामारी और फिर गलवान घाटी पर भारत-चीन के बीच संघर्ष के चलते ये यात्रा बंद कर दी गई थी. लेकिन इस साल रिश्ते दुरुस्त हुए और शिव भक्तों को मंजूरी मिल गई है. ये यात्रा चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में मौजूद कैलाश मानसरोवर की यात्रा है.

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बताया जाता है कि मानसरोवर ब्रह्मा के मन से बना है और यहीं से सरयू, सतलुज, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख नदियां निकलती हैं.यह सरोवर लगभग 15,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक मीठे पानी की झील है, जिसका मुख्य स्रोत कैलाश है. आइये इस यात्रा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें.

मानसरोवर यात्रा के लिए रूट और राशि

विदेश मंत्रालय कैलाश यात्रा का आयोजन हर साल जून से सितंबर के दौरान दो अलग-अलग रूट पर करता है. इसमें पहला रूट लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) से होकर गुजरता है और दूसरा रूट नाथू ला दर्रा (सिक्किम) से जाता है. इसमें यात्री को किसी एक रूट का चुनाव करना होता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है. भगवान शिव के निवास के रूप में हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के नाते, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है.

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मार्ग 1

  • लिपुलेख पास (उत्तराखंड)
  • कुल बैचों की संख्या: 5
  • अवधि: लगभग 22 दिन
  • अनुमानित लागत प्रति व्यक्ति: रु-1.74 लाख

मार्ग 2

  • नाथु ला (सिक्किम)
  • बैचों की कुल संख्या: 10
  • अवधि: लगभग 21 दिन
  • प्रति व्यक्ति लागत: रु-2.83 लाख

योग्यता

  • भारतीय पासपोर्ट हो जो कम से कम 6 महीने तक के लिए वैध हो.
  • आयु चालू वर्ष की 01 जनवरी को कम से कम 18 और अधिक से अधिक 70 वर्ष होनी चाहिए.
  • बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे कम होना चाहिए.
  • शारीरिक रूप से स्वस्थ और चिकित्सा की दृष्टि से उपयुक्त होना चाहिए.
  • विदेशी नागरिक आवेदन करने के पात्र नहीं हैं.

ऑनलाइन आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज़ जरूरी

  • पासपोर्ट साइज फोटो की स्कैन कॉपी
  • पासपोर्ट की स्कैन कॉपी

चयन

  • आवेदन के बाद निष्पक्ष कंप्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से ड्रा निकाला जाता है.
  • अगर आपका चुनाव हुआ होगा तो आवेदकों को उनके रजिस्टर्ड ई-मेल आई डी या मोबाईल नंबर के जरिए सूचित किया जाएगा.

चयन के बाद महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज

चुने गए यात्रियों को यात्रा के लिए दिल्ली आते समय भी कुछ दस्तावेज रखने होंगे.

  • भारतीय पासपोर्ट
  • 6 पासपोर्ट साइज फोटो
  • क्षतिपूर्ति बांड (Indemnity bond), 100 रुपए या स्थानीय स्तर पर लागू राशि के गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर तथा प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट या नोटरी पब्लिक द्वारा सत्यापित
  • वचन पत्र, आपात स्थिति में हेलिकॉप्टर द्वारा लाने के लिए
  • सहमति पत्र, चीनी क्षेत्र में हुई मृत्यु की स्थिति में पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए.

कैलाश मानसरोवर के इच्छुक श्रद्धालु http://kmy.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. कैलाश मानसरोवर की यात्रा तीर्थयात्रियों के लिए कठिन यात्रा होती है. इसमें श्रद्धालु पहाड़ की परिक्रमा करते हैं जिसे 'कैलाश परिक्रमा' या 'कायक्रम' कहा जाता है. इसे पूरा करने में लगभग तीन दिन लगते हैं और इसे भगवान शिव की शक्ति का सम्मान माना जाता है. इसका रास्ता अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि ऊंचाई और मौसम अक्सर तीर्थयात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा कर देती है.

इसके बावजूद, श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के कारण इस यात्रा को पूरा करते हैं. कैलाश मानसरोवर सतत धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व का केंद्र है. यह न केवल आध्यात्मिक अनुभव का स्थल है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और हिमालय की भव्यता का भी अद्भुत उदाहरण है.
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