डॉक्टर कफील बोले- बर्खास्तगी का नहीं मिला पत्र, सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं

बर्खास्तगी पर डॉ. कफील खान (Kafeel khan) ने कहा कि मुझे अभी तक बर्खास्तगी का पत्र नहीं मिला है. अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2021 को है. हालांकि मुझे इस सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है.

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डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो) डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो)

मिलन शर्मा

  • लखनऊ,
  • 12 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST
  • योगी सरकार ने आरोपी डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया है
  • डॉ. खान ने कहा- उन्हें अभी तक बर्खास्तगी का पत्र नहीं मिला
  • कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2021 को होगी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बाबा राघव दाव (BRD) मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में योगी सरकार ने आरोपी डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया है. वहीं डॉ. खान का कहना है कि उन्हें अभी तक बर्खास्तगी का पत्र नहीं मिला है. साथ ही कहा कि उन्हें इस सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है.

यूपी के प्रधान सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार ने कहा, "अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में हुई जांच में दोषी पाए जाने पर डॉ. खान को बर्खास्त कर दिया गया है. कुमार ने कहा कि मामला विचाराधीन है, इसलिए डॉक्टर कफील खान (Dr. Kafeel Khan) की बर्खास्तगी के बारे में विस्तृत जानकारी अदालत को दी जाएगी."

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अपनी बर्खास्तगी पर डॉ. खान ने कहा, "मुझे अभी तक बर्खास्तगी का पत्र नहीं मिला है. 10 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन सरकार ने बर्खास्तगी के संबंध में कोई कागजात जमा नहीं किया. अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2021 को है. हालांकि मुझे इस सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है."

डॉ. कफील खान ने कहा "मुझे बर्खास्त करने का यूपी सरकार को कोई अधिकार नहीं है. बल्कि उन्हें तो मुझे निलंबित करने के लिए भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) से अनुमति लेना चाहिए थी." उन्होंने दावा किया कि यूपी सरकार ने इस साल 6 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने दूसरी जांच वापस लेने का फैसला किया है. डॉ. खान ने कहा, "15 अप्रैल, 2019 को हिमांशु कुमार द्वारा पहली जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के 11 महीने बाद जब उच्च न्यायालय ने सवाल उठाए, तब यूपी सरकार ने दूसरी जांच के आदेश वापस लेने की बात कही." 

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सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था

डॉ. खान ने आरोप लगाया कि सरकार ने 10 नवंबर को बर्खास्तगी का आदेश दिया है, जबकि अदालत ने छह अगस्त को दो दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा था कि सात अन्य सह-आरोपियों के बहाल होने के बावजूद मुझे इस मामले में चार साल के लिए निलंबित क्यों रखा गया. उन्होंने कहा कि पहली जांच में उन्हें भ्रष्टाचार और चिकित्सा लापरवाही सहित सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.

'मुझे 9 जांचों में क्लीन चिट मिल चुकी है'

डॉ. कफील खान ने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से सूचित किया गया था कि मुझे पद से हटा दिया गया है. मैं कोर्ट में अपील करूंगा क्योंकि मुझे 9 जांचों में क्लीन चिट मिल चुकी है. उन्होंने कहा "लोग सोचते हैं कि मैं यूपी चुनाव से एक दिन पहले पॉलिटिक्स में आ जाऊंगा, लेकिन मैं उन परिवारों के लिए लड़ रहा हूं जिनके बच्चे गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी के कारण मर गए.

परेशान करने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई

वहीं डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दुर्भावना से प्रेरित और उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से की जाने वाली कार्रवाई करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह संविधान से ऊपर नहीं है. कांग्रेस न्याय की लड़ाई में डॉ. खान के साथ है.

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