मेडिक्लेम के लिए 24 घंटे का हॉस्पिटलाइजेशन बीमा कंपनियों की मनमानी?: दिन भर, 15 मार्च

संसद के हंगामेदार सत्र के बीच अडाणी मामले पर जेपीसी की मांग क्यों नाक की लड़ाई बनी हुई है और TMC के 'एकला चलो' राग के पीछे का रहस्य क्या है? पाकिस्तान में इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी क्यों टल गई है और आगे किस तरह के हालात बनते दिख रहे हैं? अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की डिफ़ेन्स डील पर चीन-रूस क्यों भड़का हुआ है और मेडिकल इंश्योरेंस लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें, सुनिए आज के 'दिन भर' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

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कुमार केशव / Kumar Keshav

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  • 15 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

कहने को संसद चल रही है लेकिन चल नहीं पा रही. वजह क्या है, इसका जवाब ये है कि आप किस तरफ़ से पूछ रहे हैं. सत्ता पक्ष कह रहा है कि राहुल गांधी माफ़ी मांगें, वहीं विपक्ष अदाणी मसले पर जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति की मांग पर अड़ा हुआ है. इधर लोकसभा और राज्यसभा को कुछ घंटे चलाने की कोशिश के बाद स्थगित करना पड़ा. उधर विपक्षी खेमे के 16 राजनीतिक दलों ने आज पैदल मार्च करते हुए ईडी दफ़्तर जाने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें रोक दिया. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 200 सांसदों के सामने 2000 पुलिस बलों के तैनात होने की बात कही और अदाणी विवाद पर जांच की मांग को दोहराया.

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ऐसे कैसे चलेगी संसद?

वहीं भाजपा की नेता और मंत्री स्मृति ईरानी इन सबसे इतर विदेश में राहुल गांधी के बयान पर माफ़ी मांगने की बात कहती रहीं. सवाल है कि अदाणी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर अभी कहाँ कहाँ जांच हो रही है, और विपक्ष की ये जो जेपीसी की मांग है, इसको मानने में सरकार को दिक्कत क्यों है? साथ ही विपक्ष की संयुक्त मोर्चेबंदी के बीच टीएमसी अलग प्रदर्शन करती हुई क्यों दिखी, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.

 

पाकिस्तान में सिविल वॉर?

कई हफ्तों से ख़बर चल रही है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान गिरफ्तार होंगे. तीन गैर ज़मानती वारंट उनके खिलाफ जारी हैं. लाहौर में उनके घर पुलिस भेजी गई लेकिन इमरान की गिरफ्तारी न हो सकी क्योंकि हज़ारों की संख्या में उनके समर्थक पुलिस, रेंजर्स से भिड़ गए. आंसू गैस के गोले दागे गए, लाठीचार्ज हुई, लेकिन समर्थक टस से मस नहीं हुए. वहीं लाहौर कोर्ट ने कल सुबह 10 बजे तक इमरान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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इन सबके बीच इमरान ख़ान ने पाकिस्तान के नाम संबोधन दिया और कहा कि वो 18 मार्च को खुद अदालत में पेश होंगे लेकिन सत्ता में बैठे लोग उन्हें जबर्दस्ती गिरफ्तार कर उन्हें मार देना चाहते हैं. जब इमरान खान ये बात कह रहे थे तब उनकी टेबल पर आंसू गैस के शेल्स रखे हुए थे. इमरान ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी खजाने के बेशकीमती गिफ्ट्स कौड़ियों के दाम में खरीदकर उन्हें अरबों रुपए में बेचा है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 29 मार्च तक गिरफ्तार करने का ऑर्डर जारी किया था जिसके बाद कल इमरान ने गिरफ्तारी वारंट रद्द करने के लिए याचिका दायर की. मगर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब  पीटीआई समर्थकों के साथ करीब 22 घंटे संघर्ष के बाद लाहौर पुलिस ने इमरान ख़ान की गिरफ्तारी टालने का फैसला किया है और इसका कारण लाहौर में 15 से 19 मार्च तक होने वाले पाकिस्तान सुपर लीग- सीजन आठ बताया है. तो आज लाहौर में पूरा घटनाक्रम क्या रहा और इमरान की गिरफ्तारी को लेकर आगे हालात कैसे रहने वाले हैं, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में. 

AUKUS डील से क्यों उड़ी चीन की नींद?

चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने मिलकर एक डिफेन्स डील की है - AUKUS. तीनों देशों के नाम के इनिशियल्स से ये टर्म ईजाद किया गया है. मसलन, ऑस्ट्रेलिया के A, यूनाइटेड किंगडम के UK और यूनाइटेड स्टेट्स के US को मिलाकर बना है AUKUS. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक परसों अमेरिका के सैन डिएगो में एक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. इसके बाद ऐलान किया गया कि ऑस्ट्रेलिया एडिलेड में आठ परमाणु पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाएगा. ब्रिटेन और अमेरिका इसमें उसकी मदद करेंगे. परमाणु पनडुब्बी की जरूरत की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के पास अभी न्यूक्लियर पॉवर्ड सब मरीन्स नहीं हैं. इन सब मरीन्स की यह ख़ासियत है कि ये कई हफ्तों तक सतह पर आए बिना पानी के नीचे खामोशी से चल सकती हैं और दुश्मन देश यह नहीं जान सकेगा कि ये पनडुब्बी कहां हैं.

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चूँकि ऑस्ट्रेलिया चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, इसलिए परमाणु पनडुब्बियों के मिलने से ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने की संभावना है. लेकिन इस AUKUS डील से चीन और रूस भड़के हुए हैं. दोनों देशों ने इसे उकसावे और तनाव को बढ़ाने वाला कदम बताया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तीनों देश ग़लती और खतरे के रास्ते पर चल रहे हैं. वहीं, रूस ने कहा है कि ऑकस समझौता से आने वाले सालों में टकराव की स्थिति पैदा होगी. तो इस डील से चीन और रूस क्यों चिंतित हैं और जियोपॉलिटिक्स के हिसाब से इंडो-पैसिफिक रीजन इतना अहम क्यों है, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

बीमा कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी?

आख़िर में एक मेडिकल क्लेम की बात. कहानी गुजरात के वड़ोदरा की है. लेकिन इस मामले और इस पर कंज्यूमर फोरम के फैसले से हर वो शख़्स ख़ुद को जोड़ सकता है जिसने कोई मेडिकल इन्श्योरेंस लिया हुआ है या उसके नियम और शर्तों के पचड़े में उलझा हुआ है. तो वडोदरा में रमेशचंद्र जोशी नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का इलाज कराया. खर्च बैठा कुल 44,468 रुपए. वे पहुंचे इंश्योरेंस कंपनी के पास. कंपनी ने जोशी के दावे को ही ख़ारिज कर दिया. कंपनी का तर्क था कि मरीज को चूंकि लगातार 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया गया था, इसलिए वे क्लेम नहीं चुकाएंगे.

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जवाब में, जोशी साहब ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया. अब उस फोरम ने इस मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. फोरम ने कहा है कि मेडिकल इंश्योरेंस का क्लेम करने के लिए जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती ही किया गया हो. या यूँ कहें की मरीज अगर 24 घण्टे से कम समय के लिए भी अस्पताल में भर्ती रहा हो तब भी वह मेडिकल इंश्यूरेंस का हक़दार है. साथ ही, उपभोक्ता फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को रमेशचंद्र जोशी को भुगतान करने का आदेश भी दिया. ये फैसला क्यों अहम है, क्या इसको आधार बनाकर और भी लोग क्लेम कर सकते हैं और एक पॉलिसी खरीदने वाले को क्या सतर्कता बरतनी चाहिए, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.

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