जेल में बंद महाराष्ट्र के MLAs की SC में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा- जमानत तो नहीं मांग रहे

महाराष्ट्र में आज विधान परिषद की 10 सीटों के लिए मतदान होने जा रहा है. इस चुनाव में भी महा विकास अघाडी (MVA) और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. राज्यसभा चुनाव में बड़ा झटका मिलने के बाद उद्धव सरकार अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.

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जेल में बंद विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जेल में बंद विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
  • विधायक बोले- हमें वोट डालने का वैधानिक अधिकार
  • राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाए थे जेल में बंद MLA

महाराष्ट्र में आज विधान परिषद चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले जेल में बंद विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने विधायकों से सवाल किया कि उन्होंने पहले अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया. वकील से वोटिंग और वोट के अधिकार के खिलाफ कानून स्पष्ट करने को कहा. विधायकों की तरफ से सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं. विधायकों की संख्या कम होने पर पार्टी एक सीट पर चुनाव करने की शक्ति खो देगी.

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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या आप जमानत की भी मांग रहे हैं? इस पर अरोड़ा ने कहा कि मैंने ऑप्शनल रिक्वेस्ट की है. मैंने कहा है कि या तो अंतरिम जमानत दे दो या मुझे पुलिस एस्कॉर्ट में वोट डालने के लिए जाने दीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप जमानत मांग रहे हैं तो यह अब आपकी मदद नहीं करेगा. अगर आप जमानत मांग रहे हैं तो s45 PMLA लागू होगा. यह आप पर कुछ कठोर है लेकिन कानून कठोर है, क्या करें? इसलिए हम कह रहे हैं कि अधिकार स्थापित करो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दावा कर सकते हैं कि मुझे स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए. मुझे कैद करके आप वोटरों की आवाज को सदन में उठाने से रोक रहे हैं. वकील अरोड़ा ने कहा कि मैं उस तर्क को अब तक नहीं उठा रही हूं.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने 2007 और 2005 में 2 फैसलों का हवाला दिया है. क्या उन मामलों में धारा 62(5) पर भी विचार किया गया था? यदि 62(5) पर विचार नहीं किया गया तो वे प्रासंगिक उद्धरण कैसे हैं? बता दें कि जेल में बंद विधायकों ने एमएलसी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने की अनुमति मांगी है. एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हमने वोट देने के लिए अंतरिम जमानत के लिए सत्र अदालत के समक्ष आवेदन दिया था, लेकिन हमें अनुमति नहीं मिली है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तो आप इसे दूसरे तरीके से चाहते हैं?

अरोड़ा ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लोक अधिनियम के प्रतिनिधित्व का उल्लेख किया है. इससे पहले कोर्ट ने केस से संबंधित जानकारी मांगी थी. बता दें कि महाराष्ट्र में आज विधान परिषद की 10 सीटों के लिए मतदान होने जा रहा है. इस चुनाव में भी महा विकास अघाडी (MVA) और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. राज्यसभा चुनाव में बड़ा झटका मिलने के बाद उद्धव सरकार अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.

बताते चलें कि जेल में बंद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने एक याचिका दायर की और कहा है कि मुझे एमएलसी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए. 

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विधायकों ने कहा कि ये मेरा वैधानिक अधिकार है. मैं एक निर्वाचित प्रतिनिधि हूं. जेल से पुलिस एस्कॉर्ट में ले जाया जा सकता है और वोट डालने के बाद वापस जेल लाया जा सकता है. दोनों नेताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें वोट देने के लिए जेल से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. जानिए क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने...

SC- इन मामलों को पहले सीजेआई के पास जाना चाहिए. हम इसे कल सुन सकते हैं.

सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा- ये केस अर्जेंट है. आज जरूर सुनवाई होनी चाहिए. क्योंकि वोटिंग आज शाम 4 बजे तक है.

SC- जब फाइल हमारे सामने नहीं है तो हम किसी मामले को कैसे सूचीबद्ध कर सकते हैं?

अरोड़ा- ये जरूरी केस है.

SC ने रजिस्ट्री स्टाफ से फाइल की स्थिति की जांच करने के लिए कहा है. यह भी जानकारी की है कि क्या सीजेआई ने इस पर विचार किया है. कोर्ट ने कहा है कि हम देखेंगे कि क्या इसे दोपहर 12 बजे सुना जा सकता है. हालांकि इसके बाद कोर्ट ने दोनों नेताओं को वोट देने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. ऐसे में दोनों नेताओं को राहत नहीं मिली है.

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बता दें कि महाराष्ट्र के विधायक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और एमएलसी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने की अनुमति मांगी. इससे पहले राज्यसभा चुनाव में जेल में बंद विधायक वोट नहीं डाल सके थे. जिससे शिवसेना को अपनी चौथी दावेदारी पर करारी हार मिली थी. इस समय नवाब मलिक और अनिल देशमुख जेल में बंद चल रहे हैं. दोनों नेता राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाए थे.

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