BCCI को नहीं देना आईपीएल से कमाई पर टैक्स, बोर्ड को मिला ITAT का साथ

बीसीसीआई ने ITAT की मुंबई पीठ के सामने आयकर विभाग की ओर से मिले तीन कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए अपील की थी. नोटिस में कहा गया था कि 2016-17 से बोर्ड ने आयकर की धारा 12 A के तहत मिली आयकर छूट का दायरा आईपीएल से होने वाली आय तक बढ़ा रखा है. जबकि इसके जरिए वो अरबों रुपए कमाई कर रहा है. क्यों न छूट के प्रावधान को आईपीएल के मद में खत्म कर दिया जाए. बीसीसीआई ने इसे चुनौती दी थी.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST
  • आईपीएल से होने वाली कमाई पर टैक्स का है मामला
  • बीसीसीआई को टैक्स विभाग के खिलाफ बड़ी जीत मिली है

आईपीएल के आयोजन से होने वाली अरबों रुपए की सालाना आय पर बीसीसीआई को आयकर से छूट दिए जाने पर इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने भी अपनी सहमति जताई है. ट्रिब्यूनल ने बीसीसीआई की दलील और अपील को मानते हुए इस राहत को बरकरार रखा है. बीसीसीआई की दलील थी कि इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल भी देश और दुनिया भर में क्रिकेट को बढ़ावा देने का जरिया और प्लेटफार्म है. लिहाजा आयकर से इसे छूट दी जानी चाहिए. 

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बीसीसीआई ने ITAT की मुंबई पीठ के सामने आयकर विभाग की ओर से मिले तीन कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए अपील की थी. नोटिस में कहा गया था कि 2016-17 से बोर्ड ने आयकर की धारा 12 A के तहत मिली आयकर छूट का दायरा आईपीएल से होने वाली आय तक बढ़ा रखा है. जबकि इसके जरिए वो अरबों रुपए कमाई कर रहा है. क्यों न छूट के प्रावधान को आईपीएल के मद में खत्म कर दिया जाए. बीसीसीआई ने इसे चुनौती दी थी. 

इस पर सभी पक्षकारों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य रवीश सूद और उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने अपने फैसले में कहा कि आखिरकार बोर्ड अपनी क्षमताओं, प्रबंधन कौशल और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करते क्रिकेट को लोकप्रिय बनाए रखने का काम ही कर रहा है. इसके जरिए स्पॉन्सर, खिलाड़ी, दर्शक, खेल प्रेमी सभी जुड़े हुए हैं. 

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बीसीसीआई की दलील थी कि आयकर विभाग सिर्फ आईपीएल की कमाई पर निगाह जमाए हुए है. बोर्ड की अन्य खेल गतिविधियों पर उसने ध्यान ही नहीं दिया है. जबकि बोर्ड उसमे भी ज्यादा निवेश करता है जहां कमाई कम है. लिहाजा बोर्ड के क्रिया कलाप और आमदनी खर्च को समग्र रूप से देखना चाहिए न कि एकांगी तौर पर. 

 

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