हमास की आड़ में इज़रायल की असली प्लानिंग क्या है?

क्यों हुए UN और इज़रायल के रिश्ते तल्ख, MP में सपा और JDU की भी कुछ मौजूदगी है क्या, भूटान और चीन के बीच क्या खिचड़ी पक रही है, क्या अधर में है ऑनलाइन गेमिंग कम्पनियों का भविष्य, सुनिए 'दिन भर' में.

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शुभम तिवारी

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  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

युद्ध विरोधी प्रदर्शनों के बावज़ूद भी आज 19वें दिन इज़रायल की ओर से ग़ज़ा में रह रहकर बमबारी जारी है. मंगलवार, यानी जो कल का दिन बीता, अकेले इस दिन 704 लोगों की जान इज़रायली एयरस्ट्राइक्स ने ले ली. जंग की शुरुआत के बाद से किसी एक दिन में मरने वालों की ये सबसे बड़ी तादाद थी. यूनाइटेड नेशन्स ने कहा है कि अगर आज रात तक ईंधन की सप्लाई गाज़ा में नहीं हुई तो अस्पतालों में इलाज़ बंद हो सकता है. उधर, फ्रांसीसी, अमरीकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के दौरे से जिनको शांति बहाली की कुछ उम्मीद थी, वे अब मायूस हैं. इन मुल्कों ने इज़रायल को बेशर्त समर्थन जारी रखने का ऐलान किया है. पश्चिम जगत का ज़्यादातर हिस्सा इज़रायल के साथ कदमताल कर रहा है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के एक बयान ने कूटनीतिक दुनिया में खलबली मचा दी है. गुटेरेस ने कहा है कि वे हमास के हमले की निंदा करते हैं लेकिन यह हमला किसी वैक्यूम में नहीं हुआ है. हमास के हमलों की सजा सभी फिलिस्तीनियों को मिलना सही नहीं है. इस बयान के बाद इज़रायल ने यूएन चीफ का इस्तीफा मांगा है. इज़रायल ने कहा है कि वह यूएन के अधिकारियों को वीज़ा देने पर भी रोक लगा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संगठन यूएन और इज़रायल के बीच तल्ख़ होते रिश्तों से इस जंग पर किस तरह का फ़र्क़ पड़ सकता है, सुनिए 'दिन भर' में. 

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230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में वैसे तो दोतरफ़ा ही चुनाव और उसके परिणाम देखने को मिलते रहे हैं. राजनीतिक दांवपेंच और जनता के ईवीएम दबाने के बाद कभी कांग्रेस का पलड़ा भारी हो जाता है तो कभी बीजेपी का. साल 2018 में कांग्रेस कुछ सीटों से आगे ज़रूर निकल गई थी. लेकिन फ़िर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमल का झंडा उठाया. कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. इस बार भी चुनाव कांटे की टक्कर का बताया जा रहा है. लेकिन दो क्षेत्रीय दलों की एंट्री ने मध्यप्रदेश चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. पहले समाजवादी पार्टी ने सूबे में कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर दिखाया और अब जेडीयू ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. पहली लिस्ट में जेडीयू के 5 उम्मीदवारों का नाम है.  वहीं, समाजवादी पार्टी ने राज्य में 22 कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान किया था. मध्यप्रदेश के बाहर के लोग पूछ रहे हैं कि बिहार और उत्तरप्रदेश की इन पार्टियों का कुछ चुनावी आधार है भी या यूं ही वे हवा में तीर चला रहे हैं? दूसरा, अगर वे INDIA ब्लॉक के हिस्सा हैं तो फ़िर कांग्रेस के सामने अपने उम्मीदवार क्यों खड़े कर रहे हैं. सपा और जदयू के मध्यप्रदेश में स्टेक अगर है तो कितना, क्या वो कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने लायक है, सुनिए 'दिन भर' में. 

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मध्यप्रदेश से अब चलते हैं, पड़ोसी मुल्क भूटान. कल भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने और जल्द से जल्द सीमा विवाद का हल निकालने पर सहमति बनी. चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस मीटिंग में दोर्जी ने भूटान का मजबूती से समर्थन करने के लिए चीन का धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भूटान वन-चाइना पॉलिसी का समर्थन करता है, जिसका मतलब है कि ताइवान और तिब्बत चीन का हिस्सा हैं. इससे पहले भी अगस्त में चीन-भूटान सीमा विवाद पर बने एक्सपर्ट ग्रुप की 13वीं बैठक हुई थी. ये बैठक तीन दिन तक बीजिंग में चली थी. मार्च में भी भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चीन के साथ एक या दो बैठक में सीमा विवाद सुलझने की उम्मीद है. चीन और भूटान 477 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. दोनों के बीच 80 के दशक से सीमा विवाद है. हालांकि भारत और भूटान के बीच संबंध काफी मजबूत रहे हैं. ऐसे में, ये जो मौजूदा चीन की तरफ भूटान का झुकाव है, क्या भारत के लिए चिंता का विषय है? वो भी जब डोकलाम जैसे मुद्दों पर पहले से ही भारत और चीन के बीच तनातनी है, सुनिए 'दिन भर' में. 

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न सिर्फ़ ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन गेमिंग भी भारत में बहुत ही तेज़ी से लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ है. लेकिन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म क्या भारत के नियम, क़ायदे-कानून की कोई अनदेखी तो नहीं कर रहे? ये सवाल इसलिए उठा है क्योंकि
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के ऊपर भारत सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का डंडा चलाया है. इन कंपनियों को 1 लाख करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है. दरसल, जीएसटी काउंसिल ने अगस्त में यह साफ कर दिया था कि ऑनलाइन गेमिंग के मंच पर जो भी शर्त लगाया जाता है, उसका 28 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लिया जाएगा. ऐसे में, मौजूदा डेवलपमेंट क्या अगस्त वाले आदेश की वजह से है, नोटिस क्यों भेजा गया है इन कम्पनियों को, सुनिए 'दिन भर' में.

 

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