VIDEO: इंडियन रेलवे की ऑटोमैटिक मशीन, 7-8 मिनट में धुलकर साफ हो जाएगी पूरी ट्रेन!

रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक बिहार के सहरसा स्टेशन पर इस ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट की शुरुआत की गई है. सहरसा में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट के साथ 30-30 हजार लीटर क्षमता वाले इफलयुइंड ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) भी लगाया गया है.

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Indian Railways Automatic Coach Washing Plant In Saharsa Indian Railways Automatic Coach Washing Plant In Saharsa

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

इंडियन रेलवे ने ट्रेनों के डिब्बों की सफाई के लिए अत्याधुनिक तरीका विकसित कर लिया है. दरअसल, रेलवे ने ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट से ट्रेनों के कोचों को साफ करने की शुरुआत कर दी है. इससे घंटों लगने वाले समय की बचत होगी और बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी पर भी रोक लग सकेगी. साथ ही इस नई व्यवस्था से रेलवे कोच चमकते नजर आएंगे. दिलचस्प बात ये है कि इस मशीन से पूरी की पूरी ट्रेन यानी 24 बोगियां 7 से 8 मिनट साफ हो जाएंगी.

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रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक बिहार के सहरसा स्टेशन पर इस ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट की शुरुआत की गई है. सहरसा में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट के साथ 30-30 हजार लीटर क्षमता वाले इफलयुइंड ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) भी लगाया गया है. यह ट्रीटमेंट प्लांट सफाई के बाद बर्बाद होने वाले पानी को रिसाइकिल करेगा, जिससे पानी को दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा.

पीयूष गोयल ने ट्रेन के बोगियों की सफाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिये भारतीय रेल द्वारा निरंतर कदम उठाये जा रहे हैं, जिसका एक उदाहरण है बिहार के सहरसा स्टेशन पर शुरु हुआ ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट. यहां 24 कोच की ट्रेन की धुलाई 7-8 मिनट में पूर्ण होती है, जिसमें पानी भी कम लगता है.'

पारंपरिक तरीके बहुत अलग है यह मशीन
पारंपरिक तरीके की वॉशिंग में ट्रेनों की साफ-सफाई में अधिक वक्त लगता है और पानी की खपत भी बहुत अधिक होती है. इसके बावजूद ट्रेन के डिब्बों की सफाई ठीक से नहीं हो पाती है. लेकिन अब समय और पानी दोनों की बचत होगी. ऐसे में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट से ट्रेन के सभी कोच बेहतर तरीके से साफ हो सकेंगे. साथ ही पूरे ट्रेन की एक जैसी सफाई होगी. नए तरीके से बर्बाद होने वाले पानी को भी संरक्षित किया जा सकेगा. यानी सफाई में लगने वाले पानी के 80 फीसदी मात्रा को रिसाइकिल करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकेगा. 

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जानकारी के मुताबिक इस स्वचालित वॉशिंग मशीन की मदद से सफाई में लगने वाला टाइम बचेगा और एक दिन में इससे ट्रेन के करीब 250 डिब्बे साफ हो सकेंगे. साथ ही सफाई के दौरान कम पानी, साबुन का प्रयोग किया जाएगा जो कि पर्यावरण के अनुकूल होगा. साथ ही बाहर की सफाई करने वाले सफाई कर्मियों को अब अंदर की सफाई के काम में लगाया जा सकेगा.

 

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