भारतीय वायुसेना को 56 नए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मिलने का रास्ता साफ हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने स्पेनिश कंपनी एयरबस डिफेंस स्पेस के साथ एक समझौता तय किया है, जो भारतीय वायुसेना के लिए इन एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगा.
ऐसा पहली बार होगा जब इस तरह के मिलिट्री एयरक्राफ्ट का निर्माण किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा भारत में किया जाएगा. कुल 56 में से 40 एयरक्राफ्ट का प्रोडक्शन प्राइवेट कंपनी द्वारा ही किया जाएगा, जो मेड इन इंडिया को बढ़ावा देगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सभी एयरक्राफ्ट में Indigenous Electronic Warfare Suite की सुविधा मिलेगी. इस डील के तहत वायुसेना को C-295 एयरक्राफ्ट मिलेंगे, जो अभी वायुसेना के एवरो एयरक्राफ्ट से बदला जाएगा.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि नए एयरक्राफ्ट में पैरा ड्रॉपिंग, क्विक रिएक्शन के लिए अच्छी सुविधा है जो लाभदायक साबित होगा. बता दें कि जिन 56 एयरक्राफ्ट की डील हुई है, उनमें से 16 बिल्कुल तैयार होकर अगले 48 महीनों में भारत में मिलेंगे.
जबकि बाकी के 40 एयरक्राफ्ट को भारत में TATA Consortium द्वारा बनाया जाएगा, ये अगले दस साल में जाकर तैयार होंगे. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस समझौते से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा, भारत में बड़ी संख्या में प्रोडक्शन होगा.
इस एयरक्राफ्ट से जुड़े तमाम पार्ट्स और अन्य सभी चीज़ों का निर्माण भी भारत में ही होगा. रक्षा मंत्रालय का दावा है कि इस प्रोजेक्ट से 600 हाई-स्किल जॉब, 3000 इनडायरेक्ट जॉब और करीब 43 लाख घंटे की मैन पॉवर जेनरेट होगी.
अभिषेक भल्ला