पाइप बिछा, नल भी लगा लेकिन पानी कहां से आएगा? जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल ने दिया गुजरात का उदाहरण

India Today Conclave 2021: जल जीवन मिशन के तहत सरकार पानी की टंकी तो लगाएगी लेकिन पानी कहां से आएगा? इस सवाल का जवाब जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल ने दिया.

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India Today Conclave 2021: जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल India Today Conclave 2021: जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST
  • इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में जल जीवन मिशन पर हुई बात
  • वाटरमैन राजेंद्र सिंह और जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल हुए शामिल

पानी की कमी से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों के लिए जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर जल' की बात सरकार करती है. लेकिन यह पानी आएगा कहां से? इसपर जल जीवन मिशन के मिशन डायरेक्टर भरत लाल ने अपना प्लान बताया. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 (India Today Conclave 2021) में वह जल संकट पर बात करने के लिए शामिल हुए. यहां वाटरमैन के रूप से पहचाने जाने वाले राजेंद्र सिंह भी मौजूद थे. 

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Water Works: Turn the tap. India most crucial story टॉपिक पर बात करते हुए आजतक के गौरव सावंत ने भरत लाल से सवाल किया कि मिशन के तहत पानी की टंकी बन जाएगी, पाइपलाइन भी बिझ जाएगी लेकिन पानी आखिर कहां से आएगा? क्योंकि पानी की कई इलाकों में भारी कमी है या आगे आने वाले 5-7 सालों में हो सकती है.

भरत लाल ने दिया गुजरात का उदाहरण

India Today Conclave 2021 में भरत लाल ने कहा कि इसके लिए समाज को शिक्षित करना जरूरी है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात के सौराष्ट्र में, कच्छ में 20 साल पहले तक टैंकर, ट्रेन से पानी भेजा जाता था. वहां मौजूद बांध, वाटर रिजर्व सिर्फ 24 फीसदी तक भर पाते थे. लेकिन फिर इस व्यवस्था को बदलकर मजबूत करने का काम हुआ.

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भरत लाल ने बताया कि वहां पहुंचने वाले बाढ़ के पानी को मैनेज करके वाटर रिजर्व में भेजा गया. पिछले दो सालों से ये रिजर्व ओवर फ्लो कर रहे हैं. अब वहां पानी की कमी नहीं होती. दूसरी चीज यह कि वहां रीचार्ज कैनाल बनाई गई हैं. इससे अंडरग्राउंड वाटर सोर्स रीचार्ज हो रहे हैं. 

तीसरी चीज यह कि माइक्रो इरिगेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है. गुजरात में 20 फीसदी खेती की जमीन पर माइक्रो इरिगेशन इस्तेमाल किया जा रहा है. माइक्रो इरिगेशन में पानी का इस्तेमाल 70 फीसदी कम हो जाता है.

भरत लाल ने आगे कहा कि ऐसे प्रयासों से गुजरात में 2008 से पानी का वाटर लेवल धीरे-धीरे ऊपर आ रहा है. इसका मतलब सहभागिता के साथ लोगों को शामिल करके तकनीक के इस्तेमाल से कमियों को दूर किया जा सकता है.

पानी समितियां के बारे में बताया

जल जीवन मिशन के डायरेक्टर ने यह भी बताया कि सरकार पानी समितियां भी बना रही है. इसे पहले गुजरात के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में शुरू किया गया था, जिसे बाद में पूरे देश के ग्रामीण इलाकों में लाया गया. 

इसमें 15 सदस्यों की कमिटी बनाई जाती है. इसमें महिलाओं को भी शामिल किया जा रहा है. बताया गया कि पांच साल प्लान के लिए सरकार ने 1 लाख 42 हजार करोड़ रुपये दिए हैं. जो कि पानी की सफाई आदि पर खर्च हो रहा है. भरत लाल ने कहा कि देश में 6 लाख से ज्यादा गांव हैं उनमें से 3 लाख से ज्यादा कमेटियां बन गई हैं. वह बोले कि हर घर जल मिशन के तहत अबतक 5 करोड़ 10 लाख ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है. यह सब कोविड महामारी के बीच दिसंबर 2019 से शुरू हुआ था.

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उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन दिया जाना एक स्टेप है. लेकिन इसके साथ इसपर भी नजर रहती है कि पानी ठीक से उस कनेक्शन के जरिए पहुंच रहा है या नहीं.

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