भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न को लेकर जताए गए आलोचनात्मक बयान पर कड़ा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में पाकिस्तान की टिप्पणी को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह टिप्पणी उस देश से आई है, जिसका खुद का अल्पसंख्यकों के प्रति रिकॉर्ड बेहद खराब है.
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ व्यवस्थित और गंभीर उत्पीड़न एक स्थापित तथ्य है, जिसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता. उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान की आलोचनाओं से वहां हो रहे अत्याचारों की वास्तविकता टली नहीं जा सकती. भारत ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान की आरोप लगाने और ध्यान भटकाने की कोशिशें वास्तविकता को नहीं बदल सकतीं.
पाकिस्तान के बयान की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान ने हाल ही में अपने विदेश मंत्रालय के बयान में भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित उत्पीड़न पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने क्रिसमस के दौरान तोड़फोड़ की घटनाओं और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का हवाला देते हुए भारत में इनटोलरेंस और डर का माहौल बनाने का आरोप लगाया था. पाकिस्तानी बयान में यह भी दावा किया गया था कि भारतीय अधिकारी मुसलमानों के घरों को तोड़ रहे हैं और लिंचिंग की घटनाओं के संदर्भ में तनाव फैला रहे हैं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा... बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा, तेजी से पिघल रहे हैं ग्लेशियर
भारत का रुख
भारत ने इस बयान को बिना आधार और भ्रामक कृत्य बताते हुए साफ तौर पर खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान को चाहिए कि वह दूसरों पर सवाल उठाने से पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को सुधारे. भारत का कहना है कि ऐसे बेबुनियाद आरोप केवल ध्यान भटकाने के उद्देश्य से लगाए जाते हैं और ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य नहीं हैं.
शिवानी शर्मा