अफगानिस्तान के हालात पर केंद्र सरकार का बयान- वहां फंसे भारतीयों को निकालना पहली प्राथमिकता

अफगानिस्तान के ताजा हालात पर केंद्र सावधानी से नजर बनाए हुए है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया है कि सरकार ने काबुल या दुशांबे से छह अलग-अलग उड़ानों के जरिए से 550 से अधिक लोगों को निकाला है.

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अफगानिस्तान से लोगों को वापस ला रहा भारत (PTI) अफगानिस्तान से लोगों को वापस ला रहा भारत (PTI)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:46 PM IST
  • अफगानिस्तान से वापस लाए जा रहे लोग
  • 'ज्यादातर भारतीयों को निकाला जा चुका है'

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हो गए हैं. भारत, अमेरिका समेत विभिन्न देश जल्द से जल्द अपने नागरिकों को वापस बुलाने में लगे हुए हैं. अफगानिस्तान के ताजा हालात पर केंद्र सावधानी से नजर बनाए हुए है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया है कि सरकार ने काबुल या दुशांबे से छह अलग-अलग उड़ानों के जरिए से 550 से अधिक लोगों को निकाला है. इसमें से 260 से ज्यादा भारतीय नागरिक थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के जरिए से भारतीय नागरिकों को निकालने में भी मदद की है. हम अमेरिका, ताजिकिस्तान जैसे विभिन्न देशों के संपर्क में बने हुए थे.'' उन्होंने कहा कि अब तक ज्यादातर भारतीयों को निकाला जा चुका है.

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'अब तक कितने भारतीयों को निकाला गया?'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ''हम बहुत सावधानी से (अफगानिस्तान में) स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. यह एक उभरते हुए हालात हैं. अफगानिस्तान से कितने भारतीयों को अब तक निकाला जा चुका है? इस सवाल पर अरिंदम बागची ने कहा कि संख्या बदलती रहती है, क्योंकि हमें देश छोड़ने के लिए संपर्क करने वालों की नई जानकारी मिलती है. अभी ऐसे भारतीय भी हो सकते हैं जो वहां रहना चाहते हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो दूसरे देशों में चले गए हैं. कुछ हमारे भागीदारों के जरिए से भी हैं, जिन्हें बाहर निकाला गया है. हमारा आकलन यह है कि लौटने की इच्छा रखने वाले ज्यादातर भारतीयों को निकाल लिया गया है. कुछ और के अफगानिस्तान में होने की संभावना है. मेरे पास इसकी सटीक संख्या नहीं है.'' 

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अन्य देशों के नागरिकों को भी भारत ने अफगानिस्तान से निकाला
बागची ने बताया कि हम कुछ अफगान नागरिकों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिकों को भी बाहर लाने में सफल रहे हैं. इनमें से कई सिख और हिंदू थे. मुख्य रूप से, हमारा ध्यान भारतीय नागरिकों पर होगा, लेकिन हम उन अफगानों के साथ भी खड़े होंगे जो हमारे साथ खड़े थे. उन्होंने कहा कि हम एक शांतिपूर्ण, समृद्ध, लोकतांत्रिक अफगानिस्तान की मांग कर रहे हैं. फिलहाल हम इसकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. वर्तमान ध्यान अफगानिस्तान की निकासी की सुरक्षा स्थिति पर है और यह देखना है कि यह कैसे पूरा होता है. अन्य देश भी वेट एंड वॉच की स्थिति में बने हुए हैं.

'छह महीने के वीजा पर आए हैं अफगान नागरिक'
भारत आने वाले अफगानों के संबंध में प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रालय ने ई-आपात स्थिति की घोषणा की है. ये छह महीने के वीजा हैं. इसलिए वे वर्तमान में छह महीने की वीजा व्यवस्था के तहत यहां आ रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा कि आखिरी उड़ान में 40 लोग थे. हम ऐसी खबरें सुन रहे थे कि अफगान नागरिकों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है. हम जानते थे कि अफगान सिख और हिंदुओं सहित कुछ अफगान नागरिक 25 अगस्त को हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच सके. ऐसे में हमारी फ्लाइट उनके बिना ही आनी थी.

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काबुल ब्लास्ट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दिया यह बयान
काबुल एयरपोर्ट पर हुए सीरियल ब्लास्ट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत की दृष्टि से और पूरी दुनिया की दृष्टि से अफगानिस्तान पर सबकी नजर है. ब्लास्ट ने भारत सहित पूरी दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं. जहां तक भारत की बात है, हम लगातार अपने लोगों को वहां से वापस ला रहे हैं. हम भारत के लोगों को तो सुरक्षित वापस लाएंगे और जो दूसरे लोग हमसे उम्मीद करते हैं, उनको भी वापस लाएंगे. उन्होंने कहा कि इस समय काबुल से आने लोगों को लाना चुनौती है. हमारे पास योजना भी है और क्षमता भी है.

 

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