'वन नेशन वन इलेक्शन' पर कल रिपोर्ट सौंपेगी हाईलेवल कमेटी! संविधान में संशोधन की कर सकती है सिफारिश

अभी लोकसभा और विधान सभा चुनाव के लिए मतदाता सूची, निर्वाचन आयोग तैयार कर निगरानी करता है. वहीं, स्थानीय नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की देखरेख में मतदाता सूची होती है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली हाईलेवल कमेटी  गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. समिति से जुड़े सूत्रों के मुतबिक ये रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी जा सकती है. कमेटी देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश कर सकती है. प्रस्तावित रिपोर्ट लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एकल यानी साझा मतदाता सूची पर भी फोकस करेगी.

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अभी लोकसभा और विधान सभा चुनाव के लिए मतदाता सूची, निर्वाचन आयोग तैयार कर निगरानी करता है. वहीं, स्थानीय नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की देखरेख में मतदाता सूची होती है.

पिछले सितंबर में गठित कमेटी को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने के लिए जांच करने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था.

कोविंद की अध्यक्षता वाले इस पैनल में गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी पैनल का सदस्य बनाया गया था, लेकिन उन्होंने समिति को पूरी तरह से धोखा करार देते हुए मना कर दिया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पैनल में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.

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न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता में काम कर रहा आयोग एक साथ चुनाव को लेकर एक नए अध्याय को संविधान में जोड़ने के लिए संशोधन की सिफारिश करेगा. इसके अलावा, पैनल अगले पांच सालों में तीन स्टेप में विधान सभाओं की शर्तों को समकालिक करने की भी सिफारिश करेगा. लॉ कमीशन जो प्लान देने जा रहा है उसके मुताबिक, योजना है कि इसके बाद पहला 'एक देश एक चुनाव' मई-जून 2029 में हो सकेगा. 

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