इस साल मॉनसून ने देश के कई हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खासकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में स्थिति बहुत गंभीर है. भारी बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन ने कई लोगों की जान ले ली और हज़ारों को बेघर कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों सड़कें और पुल बह गए, कई घर मलबे में दब गए. उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे कई गांव तबाह हो गए. पंजाब में सतलुज और ब्यास जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे खेत और गांव जलमग्न हो गए. गुजरात और महाराष्ट्र में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जहां हज़ारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं.
मौसमी कहर में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. स्कूल बंद हैं, बिजली और संचार सेवाएं ठप हैं और कई इलाकों में राहत कार्यों में बाधा आ रही है. जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पैटर्न और तीव्रता बढ़ रही है, जिससे ऐसी आपदाएं और खतरनाक हो रही हैं. सरकार और सेना राहत कार्यों में जुटी है लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर है.
दिल्ली में बाढ़ का खतरा, बारिश का येलो अलर्ट
दिल्ली में भी यमुना चेतावनी के लेवल के निशान को पार गई हैं. यमुना में लगातार पानी बढ़ने का सिलसिला जारी है. हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है जिसका असर यमुना में दिखा है. इससे दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसके साथ ही राजधानी में सुबह और दोपहर के समय गरज के साथ बारिश और बिजली कड़कने तथा मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना के चलते यलो अलर्ट जारी किया गया है.
हिमाचल प्रदेश में स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा रविवार से मंगलवार तक राज्य के कुछ हिस्सों में बहुत भारी से लेकर अत्यंत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. यहां के पांच जिलों में सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं. मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में तथा मंगलवार को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है.
हिमाचल में 91 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 95 बड़ी भूस्खलन की घटनाएं
बता दें कि भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने राज्य के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है, जिसके कारण रविवार तक 666 सड़कें बंद हो गईं. इनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग- पुराना हिंदुस्तान तिब्बत मार्ग, मंडी-धर्मपुर मार्ग, हाटकोटी से पांवटा मार्ग और औट-सैंज मार्ग शामिल हैं. 20 जून को राज्य में मानसून के आगमन से लेकर 30 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में 91 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 95 बड़ी भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं.
देहरादून के कई इलाके जलमग्न, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
हिमाचल में कुदरत ने जिस तरह का कहर बरपाया है वैसी ही तबाही उत्तराखंड में देखने को मिली है, उत्तराखंड के चमोली में चट्टानें चटकी हैं पहाड़ दरके हैं तो उत्तरकाशी में दरिया लोगों के दिलों में खौफ भर रहा है, देहरादून के कई इलाके भी जलमग्न हैं, मौसम विभाग ने देहरादून में रेड अलर्ट घोषित किया है. इस मॉनसून में उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
चमोली ज़िले के थराली में हुई त्रासदी से पहले, उत्तराखंड में 5 अगस्त को भारी तबाही देखी गई थी, जब खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने गंगोत्री मार्ग पर स्थित एक प्रमुख पड़ाव धराली का लगभग आधा हिस्सा तबाह कर दिया था, जहाँ होटल और होमस्टे मौजूद थे. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियों और मौसमी नालों में आए उफान के कारण पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है.
पंजाब में 3 सितंबर तक स्कूल बंद
पंजाब सरकार ने सोमवार को राज्य भर में लगातार बारिश के मद्देनजर सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 3 सितंबर तक बंद करने की घोषणा की. बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित गाँव पठानकोट, गुरदासपुर, फाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर ज़िलों में हैं. एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और ज़िला अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान जारी है.
राजस्थान में भी मध्यम से भारी बारिश के आसार
राजस्थान में भी बारिश का कहर जारी है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले पांच से छह दिनों तक पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहेगा और अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान, विशेषकर जोधपुर और बीकानेर संभाग में भी अगले दो से तीन दिनों में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हो सकती है.
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल
26 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हुई भारी तबाही में 224 आवासीय घर क्षतिग्रस्त हो गए. आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि 224 घरों में से लगभग 50 नष्ट हो गए, 140 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और शेष घरों को आंशिक क्षति हुई. किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह के साथ प्रभावित गाँवों का दौरा किया.
प्रवक्ता ने बताया कि मारवाह और वारवान में लगभग छह से सात स्थानों पर बादल फटने की घटनाएँ हुईं, जिससे सड़कों और पुलों को भी नुकसान पहुंचा. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को यातायात आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया, जिससे पिछले छह दिनों से इस मुख्य मार्ग पर फंसे सैकड़ों यात्रियों को राहत मिली है.
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