'वही किया जाएगा, जो सर्वोत्तम होगा', वन नेशन-वन इलेक्शन पर बोले कमेटी के सदस्य हरीश साल्वे

वन नेशन, वन इलेक्शन पर चर्चा के लिए बनाई गई 8 सदस्यीय कमेटी में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को भी शामिल किया गया है. आजतक ने हरीश साल्वे से बात कर जाना कि आखिर इस कमेटी का काम कहां तक पहुंचा है. उन्होंने बताया कि कमेटी अध्यक्ष की तरफ से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है.

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हरीश साल्वे (File Photo) हरीश साल्वे (File Photo)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

वन नेशन, वन इलेक्शन यानी एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर देशभर में बहस शुरू हो गई है. इस पर विचार करने के लिए मोदी सरकार ने एक कमेटी भी गठित कर दी है. इस 8 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं. 

कमेटी के सदस्य के रूप में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को नियुक्त किया गया है. हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. इस मु्द्दे पर रविवार को वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने बताया की आखिर वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी किस तरह काम करेगी.

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दोनों पक्षों को लेकर चलेगी समिति

हरीश साल्वे ने कहा,'काम अभी शुरुआती स्तर पर है. इस बारे में बहुत सोच-विचार की जरूरत है. वही किया जाएगा, जो राष्ट्र के लिए सर्वोत्तम होगा. समिति अध्यक्ष से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है. यकीन है कि समिति के लिए रोडमैप बनाने का काम चल रहा है. व्यक्तिगत तौर पर मैं हमेशा एक चुनाव के पक्ष में रहा हूं. हालांकि, समिति दोनों पक्षों को लेकर चलेगी, सभी की बातें सुनी जाएंगी.'

संसद में चर्चा की कितनी संभावना?

सितंबर में बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में इस एजेंडे के शामिल होने की संभावना को लेकर जब साल्वे से सवाल किया गए तो उन्होंने कहा,'इसकी कोई संभावना नहीं है कि यह मुद्दा सितंबर के एजेंडे में होगा. हालांकि, यह एक राजनीतिक मुद्दा है, इसलिए संसद में इस पर चर्चा जरूर हो सकती है.'

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राष्ट्रपति प्रणाली पर हो चुकी है बहस

वरिष्ठ वकील साल्वे ने आगे कहा कि जो लोग राजनीति में हैं. वे सियासत के बारे में बोल सकते हैं. लेकिन मुझे नहीं पता कि बीजेपी क्या करना चाहती है. इस सवाल पर कि क्या भारत में राष्ट्रपति प्रणाली होनी चाहिए पहले भी बहस हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग रिपोर्ट्स के माध्यम से हमें ग्राउंड वर्क के बारे में पता चलता रहता है. हरीश साल्वे ने कहा कि सियासत में सरकार के बदलाव का विधानसभा पर कोई असर नहीं पड़ता है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विधानसभा भंग किए बिना ही सरकार बदल गई थी.  

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