सूरत में IPS की वर्दी पहनकर चालान काट रहा था फर्जी अधिकारी, यूं पकड़ा गया

गुजरात में फिर एक बार दो फर्जी अधिकारी गिरफ्तार हुए हैं. सूरत से फर्जी आईपीएस तो गांधीनगर से फर्जी एफसीआई सेक्रेटरी को पकड़ा गया है. आईपीसी की वर्दी पहनकर शख्स गाड़ियों के चालान काट रहा था, जिसके बाद पुलिस को शक हुआ.

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गुजरात में दो फर्जी अधिकारी पकड़े गए (फाइल फोटो) गुजरात में दो फर्जी अधिकारी पकड़े गए (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • सूरत,
  • 06 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

बीते कुछ महीनों से लगातार फर्जी अधिकारियों का मामला सामने आ रहा है. हाल ही में छोटा उदयपुर में फर्जी सरकारी दफ्तर मिलने के बाद अब सूरत में फर्जी आईपीएस अधिकारी पकड़ा गया है. सूरत में गाड़ी चलाने वालों को रोककर फर्जी मेमो देने वाले फर्जी IPS अधिकारी को सूरत पुलिस ने रविवार की देर शाम गिरफ्तार किया है. 

सूरत के भाठेना मे पेट्रोलिंग कर रही पुलिस ने देखा कि कंधे पर आईपीएस का लोगो लगाकर एक व्यक्ति वहां से आने जाने वाले सभी वाहनों को चेक कर रहा था और ट्रैफिक के नियमों का भंग करने पर उनको मेमो भी थमाता था. ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर जुर्माना वसूल करने वाले अधिकारी को देखकर पुलिस को शंका हुई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच में सामने आया कि यह शख्स बिहार का रहने वाला मोहम्मद समरेज है, जो पिछले 6 महीनों से इसी तरह लोगों को बेवक़ूफ़ बना रहा था.  

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वहीं पुलिस अब जांच कर रही है कि इस मामले में वो अकेला है या उसके साथ कोई और गैंग भी है, जो लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए वॉकी-टॉकी का भी इस्तेमाल करता था. अब पुलिस उससे पूछताछ कर  इस मामले में जांच कर रही है.  

वहीं गांधीनगर में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के फर्जी सचिव को गिरफ्तार किया गया है. गांधीधाम के ठेकेदार पुण्य देव राय को गांधीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिस पर आरोप है कि उसने फर्जी विजिटिंग कार्ड से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारी होने का दावा किया. विजिटिंग कार्ड पर भारत सरकार का फर्जी सिक्का भी लगाया गया था जिसके उपयोग से उसने 14 अक्टूबर को गांधीनगर पुलिस भवन मे सीनियर IPS अधिकारियों को नवरात्रि के लिए निमंत्रण दिया था. अधिकारी को शक होने पर जांच करवाई गई जिसमें ऐसा कोई अधिकारी नहीं होने के बाद उसको गिरफ्तार किया गया. 

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पिछले कुछ महीनों में फर्जी अधिकारियों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में यह सरकार के लिए भी चुनौती है कि ऐसे मामलों को कैसे रोका जाए और इनको सख्त सजा दिलवाई जाए. 

(इनपुट- ब्रजेश दोषी)

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