उत्तरी गोवा की एक अदालत ने बुधवार को 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब के सह-मालिक गौरव और सौरभ लूथरा को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दोनों भाइयों को अरपोरा गांव में 6 दिसंबर को हुई आगजनी की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी.
दरअसल, नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद दोनों भाई थाईलैंड के फुकेट भाग गए थे, जहां से भारत के अनुरोध पर दोनों भाइयों को निर्वासित कर दिल्ली लाया गया, बाद में गोवा पुलिस दोनों को गोवा लेकर आई और गोवा पहुंचने के बाद सुबह 10:45 बजे दोनों को पहले सियोलिम के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया.
उत्तरी गोवा के जिला अस्पताल में दो बार मेडिकल जांच कराने के बाद लूथरा ब्रदर्स को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मापुसा पूजा सरदेसाई के समक्ष पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
जानबूझकर दी आतिशबाजी की मंजूरी
गोवा पुलिस ने अदालत को बताया कि लूथरा ब्रदर्स ने जानबूझकर सुरक्षा उपायों के बिना क्लब में आतिशबाजी का आयोजन किया था, जबकि उन्हें पता था कि इससे आग का खतरा है और जानमाल का नुकसान हो सकता है. पुलिस ने इसे घोर लापरवाही करार दिया है.
लूथरा ब्रदर्श ने की अच्छे गद्दे की मांग
वहीं, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के दौरान आरोपियों ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर विशेष सुविधाओं की भी मांग की. उन्होंने लॉकअप में अच्छा गद्दा आदि की मांग की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. बार-बार अनुरोध पर अदालत ने दोबारा मेडिकल जांच का आदेश दिया, लेकिन रिपोर्ट में कोई विशेष विचार की जरूरत नहीं बताई गई.
अग्निकांड में अपने परिवार के चार सदस्यों को खोने वाली पीड़िता भावना जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु जोशी ने कहा कि आरोपियों ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर विशेष रियायत की मांग की थी.
नहीं दी जानी चाहिए कोई छूट
उन्होंने कहा, 'हमने कहा कि उन्हें कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जानी चाहिए' और आगे कहा कि अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया है कि ये मामला सामूहिक नरसंहार के रूप में 25 लोगों की मौत से संबंधित है.
जोशी ने कहा, 'वे लगातार मेडिकल चेकअप के लिए दबाव डालते रहे, इसलिए अदालत ने उनके स्वास्थ्य की दोबारा जांच का आदेश दिया. मेडिकल जांच में ये स्पष्ट है कि उन्हें किसी विशेष सुविधा की आवश्यकता नहीं है. आरोपियों ने लॉक-अप में अच्छी गद्दे जैसी विशेष सुविधाओं की मांग की, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया.'
बता दें कि नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद अंजुना पुलिस ने लूथरा ब्रदर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत कई आरोपों के तहत मामले दर्ज किए. जांच के बाद लूथरा ब्रदर्स की गिरफ्तारी से पहले पांच प्रबंधकों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था.
7 दिसंबर को भागे थे फुकेट
वहीं, नाइटक्लब में आग लगने के कुछ घंटों बाद ही 7 दिसंबर को लूथरा ब्रदर्स ने थाईलैंड के फुकेट चले गए थे, जिसके चलते भारतीय अधिकारियों ने इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर उनके पासपोर्ट रद्द कर दिए. बाद में भारतीय सरकार के अनुरोध पर थाई अधिकारियों ने 11 दिसंबर को दोनों को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद भारतीय सरकार ने द्विपक्षीय संधियों के तहत उनके निर्वासन को सुनिश्चित करने के लिए थाईलैंड के साथ समन्वय किया.
दिल्ली की एक अदालत ने गोवा पुलिस को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की, जिसके बाद दोनों भाइयों को गोवा लाया गया. मामला अभी भी जांच के दायरे में है और दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं.
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