'चुनौतियों ने हमें और मजबूत बनाया...', अमेरिका में लगे आरोपों पर बोले गौतम अडानी

गौतम अडानी ने कहा है कि चुनौतियां हमें मजबूत बनाती हैं. अमेरिका में लगे आरोपों पर उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई भी FCPA (फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट) का आरोप नहीं है.

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अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी

देव अंकुर

  • जयपुर,
  • 30 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST

दिग्गज कारोबारी और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव और चुनौतियों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि हमने जितनी सफलताएं हासिल की हैं, उतनी ही चुनौतियों का भी सामना किया है. लेकिन इन चुनौतियों ने हमें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बनाया है.  

गौतम अडानी ने हाल ही में US में आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, 'अमेरिका से हमारे खिलाफ कुछ आरोप लगे थे, लेकिन मैं यह साफ करना चाहता हूं कि अडानी ग्रुप का कोई भी व्यक्ति फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत किसी भी आरोप का सामना नहीं कर रहा है.' उन्होंने यह भी कहा कि नकारात्मकता तेजी से फैलती है, लेकिन यह हमारी प्रगति को रोक नहीं सकती.  

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सफलता और आलोचना का रिश्ता  

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे scrutiny (जांच-पड़ताल) भी बढ़ती है. लेकिन असली सफलता यही है कि आप उस scrutiny में भी मजबूती से खड़े रहें. अडानी ने कहा, 'हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमेशा मजबूत रही है, और यही हमें आगे बढ़ने की ताकत देती है.'  

गौतम अडानी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनौतियों से घबराने के बजाय, उनसे सीखना चाहिए. उन्होंने बताया कि अडानी ग्रुप ने हर मुश्किल को एक नए अवसर के रूप में देखा और आगे बढ़ने का संकल्प लिया.

क्या है पूरा मामला? 

न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई.

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यही नहीं, रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए.

हालांकि इन आरोपों के बाद तत्काल स्टेटमेंट जारी करते हुए अडानी ग्रुप ने अमेरिकी जांच एजेंसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि आरोप निराधार है, ग्रुप हर फैसला कानून के दायरे में लेता है.

अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया 

अडानी ग्रुप ने भी इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि उनके चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, और विनीता जैन के खिलाफ अमेरिकी फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) के तहत कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, जो इन आरोपों के केंद्र में है, ने कहा, 'अडानी ग्रुप इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करता है और कानूनी उपायों के जरिए अपनी रक्षा करेगा.'

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