गलवान घाटी में शहीद होने वाले जांबाज कर्नल संतोष बाबू मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया. इसमें वीर जवानों को उनकी बहादुरी के लिए उन्हें सम्मान से नवाजा गया. कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से नवाजा गया. वहीं चार अन्य जवानों को वीर चक्र से राष्ट्रपति ने नवाजा.

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शहीद कर्नल संतोष बाबू को उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से यह सम्मान संतोष बाबू की मां और पत्नी ने ग्रहण किया. शहीद कर्नल संतोष बाबू को उनकी वीरता के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से यह सम्मान संतोष बाबू की मां और पत्नी ने ग्रहण किया.

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST
  • बीते साल चीनी सेना का बहादुरी से किया था सामना
  • शहीद कर्नल संतोष बाबू को दिया गया महावीर चक्र

राष्ट्रपति ने मंगलवार को रक्षा अलंकरण समारोह में देश के वीरों को वीरता पुरस्कार से नवाजा. इस मौके पर गलवान घाटी में बहादुरी से चीनी सेना का सामना करने वाले कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत उनके परिजनों को दिया गया. ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान लद्दाख सेक्टर में गलवान घाटी में दुश्मन के सामने एक पोस्ट पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को आज मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. कर्नल संतोष बाबू ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए डटकर दुश्मन का मुकाबला किया. दुश्मन सेना के सामने उन्होंने एक आब्जर्वेशन पोस्ट भी स्थापित की थी.

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इन जवानों को दिया गया वीर चक्र

नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन, हवलदार के. पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत बीते साल जून में गलवान घाटी में चीनी सेना का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हो गए थे. उनकी वीरता और साहस के लिए इन शहीदों को वीर चक्र दिया गया. राष्ट्रपति ने यह सम्मान वीरों परिजन को दिया. आपरेशन के दौरान अपने सैनिकों को वहां की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया. उन्होंने पूरी तरह से निडर होकर चीनी सेना का मुकाबला किया. घातक और धारदार हथियारों के साथ-साथ आस-पास की ऊंची जगहों से भारी पथराव होता रहा. चीनी सैनिकों के सामने उन्होंने जांबाजी से लड़ाई लड़ी. 

आंध्र प्रदेश में हुआ था संतोष बाबू का जन्म

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कर्नल बिकुमाला संतोष बाबू का जन्म 13 फरवरी 1983 को ग्राम सूर्यापट्ट जिला हैदराबाद आंध्र प्रदेश में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल से की. साल 2000 में वे नेशनल डिफेंस अकादमी में शामिल हुए. 10 दिसंबर 2004 को मिलिट्री अकादमी से कमीशन प्राप्त कर 16 बिहार रेजिमेंट में शामिल हुए. अपनी शानदार सेवाओं के दौरान उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया.

गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू ने दुश्मन का सामना किया और उसे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी. चीनी सैनिकों के साथ झड़प में उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक बहादुरी से विरोध किया. अपने साथियों को भी बहादुरी से मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया. पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार संजीव कुमार को आज जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में एक ऑपरेशन के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. संजीव कुमार ने एक आतंकवादी को मार गिराया था और दो अन्य को घायल कर दिया था.

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