प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होने 2 दिन की विदेश यात्रा पर गए थे. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 5 समझौते हुए और कई चीजों की शुरुआत का ऐलान किया गया. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि दोनों देशों के बीच तीस्ता विवाद को लेकर भी चर्चा हुई और इसके जल्द समाधान को लेकर सहमति बनी.
पीएम मोदी और बांग्लादेश की समकक्ष शेख हसीना के बीच शनिवार को शिखर वार्ता हुई. वार्ता के बाद भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पीसी में कहा कि तीस्ता नदी विवाद को लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई. शेख हसीना ने तीस्ता मामले को उठाया, जिस पर भारत की ओर से सभी हितधारकों से चर्चा कर शीघ्र समाधान के लिए सहमति जताई गई.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पक्ष ने फेनी नदी के पानी के बंटवारे के मसौदे को जल्द अंतिम रूप देने के लिए भी अनुरोध किया. तीस्ता नदी के जल का बंटवारा भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे बड़े विवादों में से एक है.
रोहिंग्या मामले पर भी हुई चर्चाः विदेश सचिव
रोहिंग्या मामले पर विदेश सचिव ने कहा कि यह मुद्दा सामने आता है और सामने आना भी चाहिए. यह दोनों पक्षों के बीच की समझ थी कि बांग्लादेश ने म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक लाख से अधिक विस्थापितों को शरण देने के लिए बहुत कुछ किया है. हमने जिन 109 एंबुलेंसों को बतौर गिफ्ट दिया है, उनमें से कुछ उन शिविरों के लिए भी हैं जहां ये विस्थापित व्यक्ति (रोहिंग्या शरणार्थी) रखे गए हैं.
विदेश सचिव ने बताया कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत की पड़ोस नीति 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति की सराहना की है.
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम हसीना ने बंगबंधु-बापू डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. यह प्रदर्शनी शायद बंगबंधु और बापू की केवल तस्वीर दिखाती है. हम इस प्रदर्शनी को कई देशों में ले जाने की योजना बना रहे हैं और दोनों पीएम की अंतिम बैठक में इस पर चर्चा भी हुई है.
6 दिसंबर को 'मैत्री दिवस'
साथ ही उन्होंने बताया कि पीएम मोदी और पीएम हसीना ने 6 दिसंबर को 'मैत्री दिवस' मनाने फैसला किया. इसी तारीख को भारत ने बांग्लादेश को अपनी मान्यता दी थी.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों के योगदान को मान्यता देने के लिए बांग्लादेश में युद्ध स्मारक बनाने के लिए पीएम शेख हसीना को धन्यवाद दिया. दोनों पीएम ने स्मारक का शिलान्यास किया.
उन्होंने कहा कि 19 देशों में संयुक्त रूप से हमारे संबंधों को मनाने का निर्णय भी लिया गया था, जिनकी पहचान दोनों पक्षों (भारत और बांग्लादेश) द्वारा की गई है. यह 1971 की विरासत को बनाए रखने की हमारी इच्छा का प्रतिबिंब है.
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