रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेन का फर्स्ट लुक सामने आ गया है. भारत में यह 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली अपने आप में पहली ट्रेन होगी. वहीं इस पूरी ट्रेन का निर्माण 'मेक इन इंडिया' के तहत किया जा रहा है. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के जरिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेन का फर्स्ट लुक जारी किया गया.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों में से एक है. यह बहुत गर्व की बात है कि आरआरटीएस के लिए ये उच्च गति, उच्च आवृत्ति वाली ट्रेनें पूरी तरह से सरकार के 'मेक इन इंडिया' के तहत निर्मित की जा रही हैं.
सचिव ने कहा कि स्टेनलेस स्टील से बनी पर्यावरण के अनुकूल, ऊर्जा कुशल ट्रेनें आर्थिक विकास में तेजी लाकर, आर्थिक अवसर पैदा करके और वायु प्रदूषण, भीड़ और दुर्घटनाओं को कम करके एनसीआर में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेंगी. इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.
उन्होंने बताया कि ट्रेन हल्की और पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी. प्रत्येक में छह स्वचालित प्लग-इन प्रकार के चौड़े दरवाजे होंगे. इसके अलावा ओवरहेड सामान रैक, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट और अन्य कंप्यूटर-केंद्रित सुविधाओं के साथ ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा होगी.
गुजरात में निर्माण
वहीं साल 2022 तक इस ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप निर्मित हो जाएगा और परीक्षण के बाद सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लाया जाएगा. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के पूरे रोलिंग स्टॉक को गुजरात के बॉम्बार्डियर के सावली प्लांट में तैयार किया जाएगा.
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