बीते दिन मंगलवार को असम और मेघालय बॉर्डर पर सीमा विवाद देखने को मिला था. इस दौरान हिंसक झड़प तक हुई जिसके बाद माहौल इतना बिगड़ा कि फायरिंग हुई. इस फायरिंग में 6 लोगों की मौत हो गई. इस घटना को गंभीरता से देखते हुए असल सरकार ने आज इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है.
असम के मंत्री जयंत मल्लबरुआ ने कहा कि असम सरकार ने असम-मेघालय सीमा के साथ मुकरोह इलाके में गोलीबारी की घटना की सीबीआई जांच की मांग की है. इसके लिए हमने केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया है.
सीएम ने ट्वीट कर दी कैबिनेट बैठक की जानकारी
इसी मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा कि आज कैबिनेट की एक बैठक में, हमने पश्चिम कार्बी आंगलोंग में एक दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस-नागरिक संघर्ष की स्थिति में 6 लोगों की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने पर गहरी चिंता और शोक व्यक्त किया. हमने गुवाहाटी हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज रूमी फुकन से उन तथ्यों और परिस्थितियों की न्यायिक जांच करने और 60 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का अनुरोध करने का फैसला किया है. हमारे मंत्रिमंडल ने संबंधित पुलिस जांच को सीबीआई को सौंपने का भी फैसला किया. साथ ही उन्होंने कहा कि हमने पुलिस को नागरिक आबादी से निपटने के दौरान घातक हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की भी सलाह दी.
मंगलवार को 6 लोगों की गई थी जान
इस घटना में जिन 6 लोगों की जान गई उनमें के 5 लोग मेघालय के थे और एक फॉरेस्ट गार्ड था. घटना की गंभीरता को देखते हुए मेघालय सरकार ने मंगलवार को ही एहतियातन 7 जिलों में 48 घंटे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी.
आखिर क्यों हुई ये हिंसा?
जानकारी के मुताबिक असम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मंगलवार सुबह 3 बजे मेघालय सीमा पर अवैध तरीके से लकड़ियां ले जा रहे ट्रक को रोका था. जब ट्रक ने भागने की कोशिश की, तो फॉरेस्ट गार्ड ने फायरिंग की और ट्रक का टायर पंचर हो गया. इस दौरान तीन लोग गिरफ्तार हुए थे. बताया जा रहा है कि बाकी लोग भागने में सफल हो गए थे. इसके बाद फॉरेस्ट गार्ड ने घटना के बारे में जिरिकेंडिंग थाने में जानकारी दी और अतिरिक्त पुलिसबल की मांग की. जब पुलिस टीम पहुंची तो वहां मेघालय से बड़ी संख्या में लोग हथियार लेकर पहुंच गए.
पुलिस के मुताबिक, भीड़ ने गिरफ्तार लोगों को छोड़ने की मांग करते हुए फॉरेस्ट गार्ड और पुलिस टीम का घेराव कर लिया. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए फायरिंग की.
सालों पुराना है यह सीमा विवाद
गौरतलब है कि ये सीमा विवाद कोई नया मामला नहीं है. मेघालय के बनने के बाद ही ये विवाद शुरू हो गया था. असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के 12 साल के कार्यकाल के दौरान, सीमा विवाद खास मामलों में से एक था. दरअसल, असम सरकार का एक गेस्ट हाउस जिसे तरुण गोगोई आधिकारिक निवास के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे, वह भी विवादों में आ गया था. यह गेस्ट हाउस खानापारा-पिलंगकाटा ब्लॉक में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है. मेघालय इस इलाके को अपना बताता रहा है. यह सरकारी गेस्ट हाउस, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन में हिस्सा लेने गुवाहाटी आए एक वीआईपी के लिए 1976 में बनवाया गया था. मेघालय ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि मौजूदा रिकॉर्ड इस जमीन पर उसके दावे को साबित करें.
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