संसद के दोनों सदनों में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर गतिरोध शुक्रवार को भी जारी रहा. लोकसभा में हंगामे के कारण प्राइवेट मेंबर्स बिल की कार्यवाही नहीं चल सकी. लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स बिल 2025 वापस ले लिया और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में जारी गतिरोध के लिए विपक्ष को घेरा.
दरअसल, सुबह 11 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के हंगामे के कारण सदन आधे घंटे भी नहीं चल सका और कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. विपक्ष का हंगामा जारी रहा. लिस्टेड बिजनेस लिए गए, लेकिन इसके बाद कार्यवाही नहीं चल सकी और आसन ने सदन 3 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
शाम 3 बजे जब तीसरी बार कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य फिर से वेल में आ गए और एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी. आसन से कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने विपक्षी सदस्यों से वेल खाली करने की अपील की. उन्होंने कहा कि मैं भी आपको सुनना चाहता हूं, कृपया अपनी सीट पर जाइए.
आसन की इस अपील का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ. हंगामे के बीच ही पीठासीन ने वित्त मंत्री का नाम लिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स बिल 2025 वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया, जिस पर सेलेक्ट कमेटी अपनी रिपोर्ट दे चुकी है. ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित होने के बाद वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स बिल वापस ले लिया.
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विपक्ष पर भड़के मंत्री किरेन रिजिजू
लोकसभा की कार्यवाही में गतिरोध को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू विपक्ष पर भड़क गए. संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में ये मत कहिएगा कि सरकार ने सहयोग नहीं किया है. उन्होंने कहा कि आज शुक्रवार है, मेंबर्स का दिन है, प्राइवेट मेंबर्स बिल का दिन है. रिजिजू ने कहा कि आप लोग (विपक्ष) इसे भी डिस्टर्ब कर रहे हैं. हमें इसका बहुत दुख है.
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हंगामे के कारण स्थगित हुई कार्यवाही
लोकसभा में हंगामा जारी रहा. इसके बाद आसन से कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने सदन की कार्यवाही सोमवार, 11 अगस्त को दिन में 11 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी. इससे पहले, राज्यसभा की कार्यवाही भी नहीं चल सकी. सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. संसद के चालू मॉनसून सत्र के तीन हफ्ते बीत गए हैं और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को छोड़ दें तो दोनों सदनों में हर रोज गतिरोध देखने मिला है.
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