बंद और बवाल के बीच आज किसानों की भूख हड़ताल, दिल्ली के सभी नाकों पर करेंगे अनशन

सिंधु बॉर्डर पर आय़ोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने बताया कि अपने आंदोलन को लेकर उनके नेताओं की बैठक हुई है जिसमें फैसला किया गया कि किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाको पर अनशन पर बैठेंगे. इन सभी स्थानों पर किसान नेता नेता अनशन पर बैठेंगे.

Advertisement
दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान, सोमवार को करेंगे अनशन (फोटो-PTI) दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान, सोमवार को करेंगे अनशन (फोटो-PTI)

अशोक सिंघल / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST
  • सोमवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक अनशन
  • दिल्ली के सभी बॉर्डर पर अनशन करेंगे किसान
  • तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े किसान

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. किसानों के प्रदर्शन का रविवार को 18वां दिन रहा. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को केंद्र सरकार के संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. किसान संगठनों की मांग है कि सरकार से बातचीत तभी मुमकिन होगी, जब वह कृषि क़ानूनों को रद्द करे. इस बीच, किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वो दिल्ली बॉर्डर पर सोमवार यानी 14 दिसंबर को दिनभर के लिए अनशन करेंगे. 

Advertisement

सिंधु बॉर्डर पर आय़ोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने बताया कि अपने आंदोलन को लेकर उनके नेताओं की बैठक हुई है जिसमें फैसला किया गया कि किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाकों पर अनशन पर बैठेंगे. इन सभी स्थानों पर किसान नेता अनशन पर बैठेंगे.  

किसान नेता गुरनाम सिंह चिडोनी ने कहा कि किसान सोमवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय अनशन पर रहेंगे. धरना सभी जिला मुख्यालयों पर भी आयोजित किए जाएंगे. किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि हमारा रुख साफ है. हम तीनों को कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हैं. सभी किसान नेता साथ हैं.

किसानों ने बताई अपनी मांग

संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि हमारी 4 मांगें हैं. पहला, तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं. दूसरा MSP गारंटी कानून बनाया जाए. तीसरा प्रस्तावित बिजली बिल रद्द किया जाए और चौथा पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों का शोषण बंद किया जाए.  

Advertisement

किसान नेताओं ने बीकेयू भानू संगठन पर कहा कि वो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है. चिल्ला बॉर्डर से हटने का फैसला बीकेयू भानू संगठन का निजी फैसला है. संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन का बीकेयू भानू संगठन से कोई लेना देना नहीं है. हमारा आंदोलन पहले की तरह ही चलता रहेगा. 
 

सरकार से बात करने को गठित करेंगे समिति-टिकैत

वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हों. हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे.

वीएम सिंह के बयान से किया किनारा

किसान नेताओं ने जारी बयान में कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का राष्ट्रीय कार्य समूह वीएम सिंह के मीडिया में दिए गए एक बयान से खुद को अलग करता है. बयान न तो एआईकेएससीसी द्वारा अधिकृत था और न ही इसने वर्किंग ग्रुप के निर्णय लेने के प्रोटोकॉल का पालन किया था. AIKSCC के वर्किंग ग्रुप ने अपनी बात दोहराई कि वह किसानों की मांग के साथ है और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी चाहता है.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

किसानों के समर्थन में उपवास करेंगे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों ने सोमवार को एक दिन के उपवास का ऐलान किया है. केजरीवाल ने पूरे देश से अपील की है कि किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखें. मैं भी उपवास रखूंगा. आम आदमी पार्टी के सभी समर्थकों और वालंटियर से अपील है कि वे भी एक दिन का उपवास रखें और किसानों का समर्थन करें. 

बढ़ाए गए सुरक्षा बल 

किसानों ने 15 दिसंबर को आंदोलन को बड़ा करने का ऐलान किया है. इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक टीकरी और सिंधु बॉर्डर पर भीड़ बढ़ती जा रही है. एक तरफ किसानों की तादाद बढ़ती जा रही है तो दूसरी तरफ जवानों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. टीकरी बॉर्डर पर फ्रंट लाइन ड्यूटी पर RAF, उसके बाद ITBP और उसके बाद CRPF की टुकड़ी लगाई गई है साथ में दिल्ली पुलिस को भी तैनात किया गया है.

किसानों के आंदोलन को देखते हुए सात लेयर की बैरिकेटिंग की गई है. इसमें सीमेंटेड बैरिकेटिंग भी शामिल है. सभी ब्रेकिड्स को लोहे की जंजीरों से बांधा गया है. सात बड़े क्रेन पुलिस ने खड़े कर दिए हैं. इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक टीकरी बॉर्डर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर तक किसान बैठ चुके हैं जिनकी संख्या 25 हजार से ज्यादा है.
 

Advertisement


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement