किसान आंदोलन: गाजीपुर में हलचल से बदला माहौल, नरेश टिकैत ने संभाला मोर्चा

बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन खत्म कराने का आदेश मिला था. इसको लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता तैयारी की गई थी, लेकिन नरेश टिकैत के छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद मौहाल बदल गया. 

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Bharatiya Kisan Union leader Naresh Tikait Bharatiya Kisan Union leader Naresh Tikait

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST
  • किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है
  • गाजीपुर बॉर्डर पर जुटने लगे किसान
  • अपनी मांगों पर किसान अड़े हुए हैं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान के यूनियन के नेता राकेश टिकैत डटे हुए हैं. सुरक्षा भी यहां बढ़ गई है. राकेश टिकैत भावुक होते भी नजर आए. दूसरी तरफ उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने इस आंदोलन का मजबूती देने के लिए पश्चिम यूपी के अपने इलाके में किसानों को लामबंद करने का काम किया.

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एक तरफ यूपी पुलिस गाजीपुर बॉर्डर पर एक्शन की तैयारी कर ही थी तो दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत पर भी पुलिस अलग से गांव में दबाव बना रही थी. इस बीच नरेश टिकैत ने किसानों को एकजुट करने का काम किया. बड़ौत में महापंचायत भी की और दिल्ली कूच का ऐलान किया.

बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन खत्म कराने का आदेश मिला था. इसको लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता तैयारी की गई थी, लेकिन नरेश टिकैत के छोटे भाई राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद मौहाल बदल गया. 

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दिल्ली की सीमाओं पर पुलिसिया कार्रवाई के बाद शुक्रवार को नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई. इससे पहले शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सिसौली गांव पहुंचे थे. वहीं, महापंचायत में उमड़ी भीड़ ने साफ कर दिया किया कि किसान आंदोलन ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. इस महापंचायत में सियासी दलों के नेता भी पहुंचे थे. यहां से किसान दिल्ली कूच भी कर रहे हैं.

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सद्भावना दिवस मनाएंगे किसान 

आज आंदोलनकारी किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर उपवास रखेंगे. किसान राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे हैं. वहीं, किसान एकता मोर्चा के नेताओं ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप हमारे अनशन में शामिल हों और समर्थन करें. 30 जनवरी को 'सद्भावना दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. 

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