किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पांचवीं याचिका दाखिल की गई है. शशांक शेखर सुधी और एओआर मंजू जेटली ने याचिका दाखिल की है. दिल्ली की सरहदों और लाल किले में हुए उत्पात सहित पूरे घटनाक्रम की NIA से जांच कराने की गुहार लगाई गई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती तो है, लेकिन फिलहाल किसी भी तरह के एक्शन की उम्मीद नहीं की जा रही है. मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई गई है, जिसके मद्देनजर माना जा रहा है कि आज रात में पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी. कल के पूरे दिन के माहौल को देखा जाएगा, उसके बाद ही सरकार कोई कदम आगे बढ़ाएगी. इसके पीछे की एक बड़ी वजह ये है कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकैत बंधुओं का प्रभाव है. RLD के मुखिया अजित सिंह ने भी राकेश टिकैत से बातचीत की है. वहीं, अगले साल यूपी में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में योगी सरकार फूंक-फूंककर कदम बढ़ाना चाहेगी.
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राकेश टिकैत से बात की है. संजय सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत से फोन पर बात हुई है. अरविंद केजरीवाल और आप पूरी तरह किसानों के साथ है. संजय सिंह ने कहा कि हम किसानों को मुद्दा शुक्रवार को संसद में उठाएंगे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कल शुक्रवार को महापंचायत होगी. सुबह 11 बजे राजकीय इंटर कॉलिज में किसान जुटेंगे. महापंचायत का ऐलान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किया.
गाजीपुर बॉर्डर छावनी में तब्दील हो गया है. यहां पर सिर्फ और सिर्फ सुरक्षाबलों का पहरा नजर आ रहा है. भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है. प्रशासन कोई भी कार्रवाई करने से पहले सावधानी बरत रहा है. पुलिस-प्रशासन नहीं चाहता कि हालात खराब हों, इसी वजह से पहले राकेश टिकैत को समझाने की कोशिश की गई. उन्हें पूरा मौका दिया गया. उन्होंने अपनी बात भी रखी. फिलहाल हर किसी की नजर प्रशासन के अगले कदम पर है.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि ये एक साइड चुनने का समय है. मेरा फैसला साफ है. मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं.
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किसान आंदोलन को लेकर देश में जारी ताजा घटनाक्रम पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की. आज गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है. यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है. प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी. किसान देश का हित हैं. जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं. उन्होंने लिखा कि हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्रवाई की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है.
किसान नेता राकेश टिकैत के गांव सिसौली में पंचायत शुरू हो गई है, जिसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत पंचायत को संबोधित कर रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के मंच पर एक संदिग्ध पकड़ा गया है. उसका नाम देवेंद्र प्रताप सिंह बताया जा रहा है. किसान नेता राकेश टिकैत जब मीडिया से बात कर रहे तो उन्हें इस शख्स की गतिविधि संदिग्ध लगी, जिसके बाद उसे पुलिस को सौंपा गया.
एक तरफ प्रशासन जहां गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने में जुटा है तो वहीं राकेश टिकैत ने कहा है कि वो नहीं हटेंगे. प्रशासन और राकेश टिकैत आमने-सामने हैं, जिसके बाद टकराव की आशंका बढ़ गई है. राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस चाहे तो गोली मार दे, हम हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ सरकार से बात करेंगे. हम यूपी-पुलिस प्रशासन से बात नहीं करेंगे. बीजेपी के लोग यहां पर क्या कर रहे हैं.
प्रशासन के निशाने पर आए किसान नेता राकेश टिकैत को RLD का साथ मिला है. RLD नेता अजित सिंह ने राकेश टिकैत से बात की है और कहा कि आप चिंता मत करिए, सब आपके साथ हैं. अजित सिंह और राकेश टिकैत की बातचीत की जानकारी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी ने दी है. उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह ने BKU के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत और राकेश टिकैत से बात की है. अजित सिंह ने संदेश दिया है कि चिंता मत करिए, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है. सबको एक होना है, साथ रहना है.
किसान गाजियाबाद प्रशासन के आदेश को कोर्ट में चुनौती देंगे. किसानों की ओर से याचिका दायर की जाएगी. दरअसल, गाजियाबाद प्रशासन ने धरनास्थल खाली करने का आदेश दिया है. किसानों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी है.
हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ चुका है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद दो और किसान संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. आंदोलन खत्म करने वाले संगठनों में भारतीय किसान यूनियन (एकता) और भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस थमाया है. प्रदर्शनकारियों को हटने के लिए कहा गया है. जिला प्रशासन ने उनसे तुरंत सड़क खाली करने को कहा है.
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पूरे देश की नजर इस वक्त गाजीपुर बॉर्डर पर है. यहां पर बीते दो महीने से जारी किसानों के आंदोलन पर कार्रवाई की तैयारी है. भारी संख्या में यहां पर पुलिसबल की तैनाती है. गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी गई है. प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए बसें लाई गईं हैं. RAF की तैनाती है. वज्र वाहन भी लाए गए हैं. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि गांव के लोग पानी लाएंगे तभी मैं पीऊंगा.
गाजीपुर बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को गाजीपुर से ना जाने की सलाह दी है. ट्रैफिक को रोड न.56, अक्षरधाम और निजामुद्दीन के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने NH-9, NH-24 से बचने की सलाह दी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने सभी सुविधाएं हटा दी है. प्रशासन की इस कार्रवाई पर राकेश टिकैत ने कहा कि देश मुझे झंडा दिया है तो पानी भी देगा. उन्होंने कहा कि मैं गाजियाबाद का पानी नहीं पीऊंगा. गांव के लोग पानी लेकर आएंगे तब मैं पीऊंगा. इस बीच, गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने धारा 144 लगा दी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात प्रीत विहार के एसीपी वीरेंद्र पुंज का कहना है कि किसानों को अपने आप गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देना चाहिए. हमने तो शांति की अपील पहले भी की थी, आज भी कर रहे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आत्महत्या की धमकी दी है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने रोते हुए कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा. मुझे कुछ भी हुआ तो प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा. किसानों का मारने की साजिश रची जा रही है. यहां अत्याचार हो रहा है.
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन की राकेश टिकैत से हो रही वार्ता फिलहाल फेल हो गई है. राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के विधायक पुलिस के साथ आए हैं. अब इनकी गुंडागर्दी नहीं चलेगी.
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा कि वह गिरफ्तारी देना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने हमारे लोगों के साथ मारपीट की है. हमारे लोगों को रास्ते में पीटने की प्लानिंग है. राकेश टिकैत ने कहा कि अब हम यहां से नहीं जाएंगे. यहीं बैठेंगे.
हरियाणा सरकार ने सोनीपत, पलवल और झज्जर जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाओं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोडकर) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी सेवाओं को बंद करने की अवधि बढ़ा दी है. इंटरनेट सेवाएं अगले 24 घंटे यानी 29 जनवरी शाम 5 बजे तक के लिए बंद रहेंगी. यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे।. ह आदेश क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किए गए हैं. इस संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि दूरसंचार अस्थायी सेवा निलंबन (लोक आपात या लोक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2 के तहत इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं. बीएसएनएल (हरियाणा अधिकार क्षेत्र) सहित हरियाणा की सभी टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती है. धरनास्थल पर प्रशासन की टीम भी मौजूद है. स्थानीय लोग भी यहां पर मौजूद हैं और सड़क खाली करने की मांग कर रहे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे. हमारा धरना जारी रहेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए. राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है. उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है. इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है. राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें. कमेटी जांच करे और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे. राकेश टिकैत ने कहा कि दीप सिद्धू कौन है, उसका किसके साथ कनेक्शन है. तिरंगे का अपमान कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा.
सिंघु की ओर जा रही सड़क को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है. यहां पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर स्थानीय लोग किसानों के धरने के खिलाफ जुटे हैं. वे लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. स्थानीय लोग 'फर्जी किसान बॉर्डर खाली करो' के नारे लगा रहे हैं. वे दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस के समर्थन में भी नारेबाजी कर रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है. यहां पर प्रशासन किसानों के टेंट को हटाने में जुट गया है. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत मंच पर किसानों को संबोधित करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि वो सरेंडर कर सकते हैं. इससे पहले धरना खत्म करने के लिए गाजियाबाद प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने राकेश टिकैत को समझाया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान के बाद गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने किसानों को धरनास्थल खाली करने का आदेश दिया है. बता दें कि अब से कुछ देर पहले योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को धरना खत्म कराने के निर्देश दिए थे. यूपी गेट पर धरनास्थल को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है. धरनास्थल आज रात तक खाली हो सकता है. जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. धरनास्थल को खाली कराने की जिला प्रशासन के द्वारा पूरी तैयारी की गई है. वहीं, सिंघु बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है. बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये लोग स्थानीय लोग हैं और 26 जनवरी को जो कुछ हुआ उसके बाद ये नहीं चाहते कि किसान यहां पर प्रदर्शन करें. लोग 'सिंघु बॉर्डर खाली करो' का नारा लगा रहे हैं. हाथों में तिरंगा लिए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं 'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' नारेबाजी करते हुए बॉर्डर को खाली करने की मांग कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में किसानों का धरना खत्म कराने का योगी सरकार ने आदेश जारी किया है. योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को धरना खत्म कराने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि यूपी के कई शहरों में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से जारी है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों के आंदोलन पर दाग लग गया और कई सवाल उठने लगे. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से किसान नेता निशाने पर हैं और कई किसान नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है.
दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले की 9 FIR क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई है. दिल्ली हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच के साथ स्पेशल सेल भी करेगी.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे. उन सभी ट्रैक्टर सवार किसानों का धन्यवाद जो यहां आए, उन्हें जो रूट दिया गया. उन किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है. टिकैत ने कहा कि हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा. लाल किले में जो कुछ भी हुआ उससे आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई. प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया. जो जत्था वहां पहुंचा था, उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग पर नहीं रोका गया. अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें जाने दिया गया. उनके धार्मिक भावनाओं को भड़काकर एक धार्मिक ध्वज फहराया गया. लाल किले की प्राचीर पर जो गया उसकी तस्वीर किसके साथ है. राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है. वैचारिक क्रांति है. यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी, डंडे से नहीं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर पलटवार किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि लाल किले हिंसे पर अपना दोष बीजेपी हम पर थोपना चाहती है. हिंसा की जगह पर बीजेपी के समर्थक देखे गए थे और लाल किला हिंसा में बीजेपी की भूमिका है. सीएम अमरिंदर ने कहा कि राहुल गांधी ने किसी को लाल किले पर चढ़ने के लिए नहीं कहा था.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. किसानों को रास्ते से भटकाया गया है. आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई है. राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने किसानों को अपनी जाल में फंसाया, उन्हें उलझाया गया. हिंसा का शब्द हमारी सूची में नहीं है.
दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव की अगुवाई में हाई लेवल बैठक हो रही है. इस बैठक में स्पेशल सीपी. इंटेलिजेंस दीपेंद्र पाठक भी मौजूद हैं, जिसमें ताजा स्थिति पर मंथन हो रहा है.
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते दिन दो किसान संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म किया था, अब गुरुवार को एक और संगठन आंदोलन से अलग हुआ है. गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने अपना आंदोलन समाप्त किया. बीते दिन राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया था.
गाजीपुर बॉर्डर के पास भारी पुलिसबल तैनात किया गया है. पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी को करीब दस कंपनियां तैनात हैं. गाजियाबाद पुलिस के भी बड़े अफसर यहां पर तैनात हैं. बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना लगातार जारी है.
गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने बयान दिया है. हार्दिक ने कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए. जब निर्भया मामले में जनता का आक्रोश आया था, तब देश ने उसका समर्थन किया था, अब किसानों का गुस्सा हुड़दंग कैसे हो गया.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के पास आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ गांव वालों को गुस्सा फूटा है. यहां गांववालों ने आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ प्रदर्शन किया और हाइवे खाली करने की मांग की. गांव वालों का कहना है कि लाल किले पर जिस तरह तिरंगे का अपमान हुआ है, वो नहीं सहेंगे. हिंदु सेना संगठन समेत अन्य गांव वालों ने यहां पर हाईवे खाली करने की मांग की.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली हिंसा को लेकर बयान दिया है. मुफ्ती ने कहा कि दीप सिद्धू बीजेपी का आदमी है. किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंसा की साजिश रची गई, दीप सिद्धू ने सनी देओल के लिए काम किया.
दिल्ली पुलिस गुरुवार दोपहर को गाजीपुर बॉर्डर पहुंची, यहां पर पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत को नोटिस थमाया. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस कई नेताओं को लुक आउट नोटिस जारी कर रही है. राकेश टिकैत का कहना है कि वो जल्द ही पुलिस को नोटिस का जवाब देंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस के घायल जवानों से मुलाकात की. दिल्ली हिंसा में कई जवान घायल हुए, उनमें से कुछ सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं. अमित शाह ने यहां सभी से मुलाकात की और हालचाल जाना.
करीब दो महीने से नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल के पास जारी भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति का प्रदर्शन अब खत्म हो गया है. बीती रात को यहां से सभी किसान प्रदर्शनकारी उठकर चले गए.
किसान नेता श्रवण सिंह पंढेर ने हिंसा को लेकर बयान दिया कि सरकार लाल किले की घटना के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है. किसान नेताओं पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं, अन्नदाता कभी ऐसा नहीं कर सकता है. लेकिन हमारा आंदोलन सिंघु बॉर्डर पर जारी रहेगा. श्रवण सिंह ने बताया कि ट्रैक्टर परेड में सौ गुना ट्रैक्टर अधिक आए थे, इसलिए अब काफी लोग वापस जा रहे हैं.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की ओर से आरोप लगाया गया है कि अगर पुलिस को किसानों की हरकत की जानकारी थी, तो फिर पहले से एक्शन क्यों नहीं लिया गया. किसान संगठनों ने पुलिस के ऊपर जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उसकी भी जांच होनी चाहिए.
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की नुपुर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक करीबी आईटीओ में हुए बवाल के दौरान वहां था और प्रदर्शनकारियों के साथ ही था. बीजेपी ने सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस आईटीओ में हुई हिंसा के पीछे है?
राजनीतिक घमासान के बीच आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने सफाई जारी की है कि जिस अमरीक सिंह का संबंध AAP से होने का दावा किया जा रहा है, वो हमारी पार्टी का सदस्य नहीं है. राघव ने कहा कि अमरीक की बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के साथ भी तस्वीरें वायरल हैं.
दिल्ली हिंसा: किसान नेताओं के खिलाफ जारी होगा लुकआउट नोटिस, आर्म्स एक्ट भी लगा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने कृषि कानून को लेकर आज अखबारों में विज्ञापन दिया है. कमेटी द्वारा लोगों से नए कृषि कानून पर सुझाव मांगे गए हैं, क्या बदलाव किए जाने चाहिए उसको लेकर भी चर्चा करने की अपील की है.
ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर निशान साहिब फहराने वाले युवक की पहचान हो गई है. तरनतारन के गांव तारा सिंह के रहने वाले जुगराज सिंह ने लालकिले पर झंडा फहराया था.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार दोपहर को 12 बजे दिल्ली पुलिस के घायल जवानों से मुलाकात करेंगे. अमित शाह सिविल लाइंस में मौजूद ट्रॉमा सेंटर जाएंगे, जहां वो घायल जवानों से मिलेंगे. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में करीब 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
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गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के दौरान जिस ट्रैक्टर चालक की मौत हुई, उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स की मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई है किसी तरह की गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई है.
लालकिले में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दीप सिद्धू के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है, जिसपर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप लगा है. दूसरी अब किसान संगठनों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई है, बीते दिन दो संगठनों ने खुद को आंदोलन से अलग किया. दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी भी हट गए. देर रात को गाजीपुर बॉर्डर पर लाइट गुल हो गई, जिसके कारण किसानों को पुलिस के आने की आशंका लगी रही.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं, सैकड़ों उपद्रवियों को हिरासत में लिया है. जबकि दर्शनपाल, राकेश टिकैत, वीएम सिंह, सतपाल सिंह, सतनाम पन्नू, श्रवण सिंह, योगेंद्र यादव समेत अन्य किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, जिनपर किसानों को भड़काने का आरोप लगा है.
हिंसा की जांच अब क्राइम ब्रांच कर रही है और सीसीटीवी के आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बीते दिन आरोप लगाया कि किसान नेताओं ने पुलिस के साथ विश्वासघात किया, जबकि पुलिस ने संयम बरता.