किसानों और केंद्र की बैठक पर विपक्ष एक्टिव, बोला- फूट डलवाने में जुटी है सरकार

कृषि कानून के खिलाफ किसान सड़कों पर है और सरकार उन्हें मनाने में जुटी है. इस बीच विपक्ष ने किसानों की बैठक को लेकर सरकार पर हमला तेज कर दिया है.

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दिल्ली-एनसीआर इलाके में जारी है किसानों का प्रदर्शन दिल्ली-एनसीआर इलाके में जारी है किसानों का प्रदर्शन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • किसान संगठनों और सरकार के बीच वार्ता आज
  • विपक्ष का आरोप- किसानों में फूट डलवा रही सरकार

केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. आज किसानों और सरकार के बीच अहम वार्ता होनी है, जिसकी अगुवाई केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करने जा रहे हैं. इस बैठक से पहले विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कांग्रेस नेता उदित राज का कहना है कि सरकार किसान संगठनों में फूट डलवाना चाह रही है. 

उदित राज ने किसानों के प्रदर्शन पर ट्वीट किया कि किसानों सावधान, आज सरकार तीन बजे बातचीत के लिए बुला रही है. ये लोग फूट डलवाने की कोशिश करेंगे.

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किसानों सावधान ! आज 3 बजे सरकार वार्तालाप के लिए बुला रही है । फूट डालने की कोशिश करेंगे।@INCIndia

— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) December 1, 2020


सीपीआई नेता केके राजेश ने भी इसको लेकर टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि सरकार किसानों में फूट डलवाना चाहती है. सरकार ने सिर्फ पंजाब के किसानों को न्योता दिया है, जबकि अन्य राज्यों के जो संगठन सड़क पर हैं उन्हें नहीं बुलाया गया है. इससे सरकार की मंशा स्पष्ट होती है, जो किसानों को अलग-अलग करके आंदोलन दबाने में लगी है. 

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लेफ्ट नेता डी राजा ने किसान आंदोलन के मसले पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से बिना किसी शर्त के बात करनी चाहिए. इस बिल को संसद में भी गलत तरीके से पास कराया गया है. डी राजा ने कहा कि पीएम मोदी बार-बार कह रहे हैं कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. किसानों को पता है कि उनके साथ क्या किया जा रहा है, इसलिए वो आवाज उठा रहे हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी किसानों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है. ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर. जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बातचीत का न्योता दिया गया है. लेकिन कृषि कानून पर अपनी मंशा साफ कर दी है. खुद पीएम मोदी ने कहा था कि किसानों को कुछ राजनीतिक दल डरा रहे हैं और कानून को लेकर अफवाह फैला रहे हैं. 

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