फ्लाइट में पहली बार सफर करनें वालों को अकसर बोर्डिंग पास लेने से लेकर फ्लाइट बोर्ड करने तक काफी दिक्कतें आती हैं. वहीं जो लोग अकसर फ्लाइट से यात्रा करते रहते हैं उन्हें भी बोर्डिंग पास लेने से लेकर चेक कराने तक का काम झंझट ही लगता है. ऐसे में अब इससे छुटकारे के लिए हवाई अड्डों पर फेश रिकग्निशन तकनीक (FRT) आधारित नई प्रणाली शुरू की गई है. इसके लिए डिजी यात्रा ऐप के जरिए यात्रियों के लिए कॉन्टेक्टलेस प्रक्रिया होगी.
फेश रिकग्निशन तकनीक से पेपरलेट एंट्री
इस परियोजना में मूल रूप से कोशिश है कि यात्री बोर्डिंग पास से जुड़ी पहचान स्थापित करने के लिए फेस रिकग्नीशन का उपयोग करके पेपरलेस और कॉन्टेक्टलेस प्रक्रिया के माध्यम से हवाई अड्डों पर विभिन्न चेक प्वाइंट से गुजर सकें.
Digi Yatra ऐप पर करना होगा रजिस्टर
इस सुविधा का उपयोग करने के लिए आधार बेस्ड वैलिडेशन और एक सेल्फ इमेज कैप्चर का उपयोग करके डिजी यात्रा ऐप पर एक बार रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद एप पर ही बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा. यह जानकारियां हवाईअड्डों से साझा हो जाएंगी. हवाई अड्डों के ई-गेट पर बोर्डिंग पास का बार-कोड स्कैन होगा. यहीं पर एफआरटी का सिस्टम लगा होगा, जिसमें यात्री के चेहरे से पहचान व ट्रैवल डॉक्युमेंट्स की पुष्टि होगी. प्रक्रिया पूरी होने पर यात्री ई-गेट से हवाई अड्डे में प्रवेश कर सकेंगे। उन्हें सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ते समय सामान्य प्रक्रिया से भी गुजरना होगा.
इसके जरिए यात्री की आईडी और यात्रा संबंधी जानकारी यात्री के स्मार्टफोन में ही एक सुरक्षित वॉलेट में जमा हो जाती है. फिलहाल इसे घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए शुरू किया जा रहा है.
3 हवाई अड्डों पर लॉन्च हो चुकी परियोजना
पहले फेज में इसे 7 एयरपोर्ट्स पर लॉन्च किया जाएगा. हालांकि, इसे शुरू में 1 दिसंबर 2022 को 3 हवाई अड्डों यानी दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी में लॉन्च किया जा रहा है, इसके बाद मार्च 2023 तक हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा जैसे 4 हवाई अड्डों पर इसे लॉन्च किया जाएगा. बाद में इसे देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर लागू किया जाएगा. इस डिजी यात्रा ऐप के साथ, भारत हवाई अड्डों पर परेशानी मुक्त प्रक्रिया के लिए एक नया ग्लोबन बेंचमार्क स्थापित कर रहा है.
पॉलोमी साहा