मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी को चुनाव आयोग ने बताया अपमानजनक, SC का खटखटाया दरवाजा

निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है जबकि चुनाव आयोग भी स्वायत्त संवैधानिक संस्था है. इसलिए हाईकोर्ट की इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी से हमारी छवि खराब हुई है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:09 AM IST
  • निर्वाचन आयोग पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
  • मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी को बताया अपमानजनक

चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से दाखिल याचिका में मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों को "बिना सोचे-समझे दिया गया बयान और अपमानजनक बयान" बताया गया है. इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत से इस "अपमानजनक टिप्पणी" को मद्रास हाईकोर्ट के आदेश से हटाने की गुहार लगाई गई है. 

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निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है जबकि चुनाव आयोग भी स्वायत्त संवैधानिक संस्था है. इसलिए हाईकोर्ट की इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी से हमारी छवि खराब हुई है. हाईकोर्ट का इस तरह चुनाव प्रक्रिया को लेकर आयोग पर हत्या के इल्जाम में मुकदमा दर्ज करने जैसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थी. इससे आम जनता के बीच संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल होती है.

सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के मुताबिक सोमवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ वर्चुअल तौर पर इस मुकदमे की सुनवाई करेगी. 

मद्रास हाईकोर्ट ने क्या कहा था?

सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था. क्योंकि चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के बाद भी चुनावी रैलियों को नहीं रोका. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ही कोरोना की दूसरी वेव का जिम्मेदार है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर अगर मर्डर चार्ज लगाया जाए तो गलत नहीं होगा. 

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अदालत में जब चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया गया, वोटिंग डे पर नियमों का पालन किया गया था. इसपर अदालत नाराज हुई और पूछा कि जब प्रचार हो रहा था, तब क्या चुनाव आयोग दूसरे ग्रह पर था.

 

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