इकलौते बेटे को खोने से थे दुखी, 70 साल की उम्र में बेबी प्लानिंग, अब जुड़वा बच्चों के बने माता-पिता

बुजुर्ग दंपति ने तीन साल पहले एक ट्रेन दुर्घटना में अपने इकलौते बेटे को खो दिया था, तभी से दोनों अकेलेपन से घिर गए थे. इसी समस्या से निजात पाने के लिए दंपति ने बच्चे की ख्वाहिश पाली. डॉक्टरों की सलाह पर 70 साल के शख्स की पत्नी ने गर्भधारण किया और जुड़वा बच्चों को जन्म दिया.

Advertisement
बुजुर्ग दंपति के घर गूंजी किलकारी. बुजुर्ग दंपति के घर गूंजी किलकारी.

aajtak.in

  • कोलकाता ,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST

पश्चिम बंगाल: हावड़ा जिले के रहने वाले 70 साल के तपन दत्ता और 54 साल की रूपा दत्ता ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. परिजनों ने फूल बरसाकर और धूमधाम से दोनों शिशुओं का स्वागत किया. बुजुर्ग दंपति ने साल 2019 में एक ट्रेन दुर्घटना में अपने इकलौते बेटे को खो दिया था, तभी से दोनों अकेलेपन से घिरे गए थे. इसी से निजात पाने के लिए दंपति ने बच्चे की ख्वाहिश पाली. 

Advertisement

दरअसल, दत्ता दंपत्ति को अनिंद्य दत्ता नाम का एक बेटा हुआ था, जिसकी साल 2019 में एक ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी. इकलौते बेटे की मौत के बाद उसके माता-पिता सदमे में आ गए थे, उन्हें अकेलापन महसूस हो रहा था. 

शारीरिक दिक्कतों का करना पड़ा सामना 

उनका मानना था कि बुजुर्गावस्था में सेवा और अकेलेपन से बचने के लिए उन्हें एक बच्चे की जरूरत है, लेकिन वृद्धावस्था में आने वाले शारीरिक कठिनाइयों की वजह से गर्भधारण करना मुश्किल था. हालांकि, सकारात्मकता दिखाते हुए इस जोड़े ने राज्य के हावड़ा जिले स्थित बाली इलाके में एक डॉक्टर से संपर्क किया. फिर उसी की सलाह पर इलाज शुरू हुआ. लेकिन गर्भ धारण करने के बाद रूपा दत्ता को कई तरह की शारीरिक दिक्कतों के घिर गईं. 

छोड़ दी थी उम्मीद

उस वक्त उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी. इसके बावजूद दंपति ने धैर्य रखा और फिर वे कोलकाता में एक और डॉक्टर से मिले. उचित सलाह और इलाज मिलने के बाद प्रसूता ने शहर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया. 

Advertisement

जच्चा-बच्चा सेहतमंद

बीते 10 अक्टूबर को महिला जुड़वा बच्चों की मां बनी. फिर डॉक्टरों की निगरानी में रहने के बाद 30 नवंबर यानी बुधवार को बुजुर्ग दंपति अपने बच्चों को लेकर अपने घर अशोकनगर आए. फिलहाल मां और बच्चे दोनों स्वस्थ और ठीक हैं. 

दंपति को मिलेगी राहत

परिवार के अन्य सदस्यों ने फूल बरसाकर और शंख बजाकर उनका स्वागत किया. दंपति का मानना है कि नवजात शिशुओं के बड़े होने पर उनकी सेवा हो सकेगी और दुख की पीड़ा से कुछ राहत मिलेगी. 

10 अक्टूबर को गूंजी किलकारी

बुजुर्ग तपन दत्ता ने बताया, "मेरा इकलौता बच्चा ट्रेन दुर्घटना में नहीं रहा था. हम तब परेशान, निराश और अकेलापन महसूस कर रहे थे. हमने फैसला किया कि हमें एक सहारे की जरूरत है. बाद में कई डॉक्टरों से इस संबंध में चर्चा की कि क्या गर्भधारण करना पत्नी के लिए जोखिमभरा होगा? अंत में डॉक्टरों की सलाह पर नवंबर 2021 में मेरी पत्नी का इलाज शुरू हुआ और वह गर्भवती हुई. 10 अक्टूबर को उसने एक लड़के और एक बच्ची को जन्म दिया. 

(रिपोर्ट: दीपक देबनाथ)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement