चाइनीज लोन ऐप पर ED का एक्शन, Paytm-Razorpay समेत कई कंपनियों के 46 करोड़ फ्रीज

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Paytm, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं. चीनी लोन ऐप के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ये छापेमारी 14 सितंबर को दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों पर की गई.

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Paytm सहित कई कंपनियों पर ईडी का एक्शन (फाइल फोटो) Paytm सहित कई कंपनियों पर ईडी का एक्शन (फाइल फोटो)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी लोन ऐप के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने Paytm, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं. ईडी ने कुछ दिन पहले ही चीनी लोन ऐप मामले में इन कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की थी. 

ईडी ने 14 सितंबर को दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों पर छापे मारे थे. इसके अलावा ईडी ने HPZ लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में पेमेंट कंपनी PayTM, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी. 

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Easebuzz के खातों में मिले 33.36  करोड़ रुपए

सर्च के दौरान ईडी को पता चला था कि इन कंपनियों के वर्चुअल खातों में भारी रकम रखी गई है. ईजबज प्राइवेट लिमिटेड (पुणे) के खातों में 33.36 करोड़ रुपये, रेजरपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 8.21 करोड़ रुपये, कैशफ्री पेमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 1.28 करोड़ रुपये और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के खातों में 1.11 करोड़ रुपए मिले हैं. 

ईडी के बयान के मुताबिक, इन विभिन्न बैंक खातों और वर्चुअली अकाउंट्स में लगभग 46.67 करोड़ रुपये की कुल राशि का पता लगाया गया और इन्हें फ्रीज कर दिया गया. ईडी नगालैंड पुलिस द्वारा पिछले साल दर्ज एफआईआर के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है.

क्या है मामला?

HPZ Token एप बेस्ड कंपनी है, जिसने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ज्यादा फायदा देने का वादा किया था. सबसे पहले यूजर्स को HPZ Token एफ द्वारा कंपनी में निवेश करने पर निवेश को दोगुना करने का लालच दिया गया था. यूजर्स से पेमेंट UPIs और अन्य पेमेंट गेटवे द्वारा लिया गया. शुरुआत में निवेशकों को आंशिक राशि का भुगतान भी किया गया. आरोप है कि बाकी राशि को विभिन्न भुगतान गेटवे और बैंकों के माध्यम से विभिन्न व्यक्तियों और कंपनी के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.

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ईडी ने इसी महीने रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित संस्थाओं के परिसरों की तलाशी ली थी. तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं. चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है.तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं.

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