पहले PA, फिर नौकर, और अब मंत्री की गिरफ्तारी... झारखंड के 35 करोड़ के कैशकांड में ED का ताबड़तोड़ एक्शन, आज कोर्ट में पेशी

धन शोधन मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को आज पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. बुधवार को ही ईडी ने उन्हें लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. कुछ दिन पहले उनके करीबियों के यहां से 35 करोड़ से अधिक कैश मिला था.

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आलमगीर आलम को अरेस्ट कर चुकी है ईडी (फोटो- पीटीआई) आलमगीर आलम को अरेस्ट कर चुकी है ईडी (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को धन शोधन मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. आलमगीर आलम को आज रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में ले जाया गया है जहां कुछ देर में उनकी पेशी होगी. जहां ईडी उनकी रिमांड पर लेने की मांग करेगी. बुधवार को गिऱफ्तारी के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका हेल्थ चेकअप किया. इस दौरान उनकी बीपी बड़ा हुआ था.

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 कुछ दिनों पहले ही उनके सहयोगी से जुड़े परिसरों से बड़े पैमाने पर नकदी जब्त की गई थी. 70 वर्षीय आलमगीर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यहां एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में हिरासत में लिया गया था.सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दूसरे दिन उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई और फिर गिरफ्तारी की गई.

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इस वजह से आए ईडी की रडार पर

मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने उनसे नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और उनका बयान भी दर्ज किया गया. आलम झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसदीय कार्य मंत्री भी हैं. हाल ही में उनके निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) की गिरफ्तारी के बाद वह ईडी के रडार पर आ गए थे. इन दोनों के यहां ईडी ने 6 मई को छापा मारा था और उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये नकद मिले थे.

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आलमगीर ने ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह एक "कानून का पालन करने वाले" नागरिक हैं. खुद को लाल की गतिविधियों से दूर रखत हुए उन्होंने कहा था कि संजीव कुमार लाल ने अतीत में राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी काम किया है.  मनी लॉन्ड्रिंग जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं और "रिश्वत" के भुगतान से संबंधित है.

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कमीशनखोरी में थे शामिल?

 गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की रिमांड की मांग करते हुए, ईडी ने यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि लाल ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से "कमीशन" एकत्र किया था और ग्रामीण विभाग में "ऊपर से नीचे" तक के सरकारी अधिकारी कथित तौर पर रिश्वत के लेन-देन में शामिल थे. इस मामले में ईडी द्वारा नकदी की कुल जब्ती लगभग 36.75 करोड़ रुपये दर्ज की गई है, क्योंकि एजेंसी ने अन्य स्थानों से लगभग 3 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जिसमें लाल के स्थान से 10.05 लाख रुपये और एक ठेकेदार के स्थान से 1.5 करोड़ रुपये शामिल हैं.

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