कोरोनाः कब आएगी Covaxin? जानिए क्या बोले वैक्सीन ट्रायल के चीफ इंवेस्टिगेटर

एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के मुख्य इंवेस्टिगेटर डॉक्टर संजय राय ने मंगलवार को बताया कि Covaxin का ट्रायल चल रहा है. इसमें अभी कम से कम चार सप्ताह और लगेंगे. उन्होंने बताया कि वैक्सीन की जो पहली खुराक दी गई है उसका अंतरिम डेटा आने में अभी दो महीने लगेंगे. इससे पहले इसकी कोई गुंजाइश नहीं है.

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AIIMS में चल रहा Covaxin का ट्रायल (फाइल फोटो-PTI) AIIMS में चल रहा Covaxin का ट्रायल (फाइल फोटो-PTI)

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:12 PM IST
  • एम्स में Covaxin का अभी ट्रायल चल रहा
  • ट्रायल में कम से कम चार सप्ताह और लगेंगे
  • इमरजेंसी यूज अप्रूवल के लिए किया आवेदन

कोरोना वायरस के संक्रमण से निजात पाने के लिए देश-दुनिया में वैक्सीन का ट्रायल जारी है. अपने देश में भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. भारत बायोटेक की तरफ से निर्मित कोरोना वैक्सीन Covaxin का ट्रायल भी चल रहा है. इसका एक ट्रायल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा है.

एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के मुख्य इंवेस्टिगेटर डॉक्टर संजय राय ने मंगलवार को बताया कि Covaxin का ट्रायल चल रहा है. इसमें अभी कम से कम चार सप्ताह और लगेंगे. उन्होंने बताया कि वैक्सीन की जो पहली खुराक दी गई है उसका अंतरिम डेटा आने में अभी दो महीने लगेंगे. इससे पहले इसकी कोई गुंजाइश नहीं है.

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भारत बायोटेक वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग पर डॉक्टर संजय राय ने कहा कि यदि नियामकों को लगता है कि जोखिम से ज्यादा फायदा है तो इसका मूल्यांकन किया जाएगा. लेकिन इसके अंतिम विश्लेषण में कम से कम तीन चरण लगेंगे.
 
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण का कहना था कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने इमरजेंसी यूज अप्रूवल के लिए आवेदन किया है. प्रेस कांफ्रेस में राजेश भूषण ने बताया कि एक बार जब अपने वैज्ञानिकों की अनुमति मिल जाए तो फिर बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाएगा. वैक्सीन के प्रोडक्शन को लेकर सभी किस्म की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि औषधि क्षेत्र का नियामक कोरोना के तीन वैक्सीन पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर रहा है और उनमें से सभी को अथवा कुछ को जल्द लाइसेंस मिलने की संभावना है. मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी के संबंध में को-विन सॉफ्टवेयर पर अग्रिम मोर्चे के हेल्थ वर्कर्स के बारे में आंकड़ा अपलोड किया जा रहा है.

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स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन पर तैनात कर्मियों के लिए तीन करोड़ कोरोना वैक्सीन की पहली खेप को भंडारित करने की खातिर कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था पर्याप्त है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 2.38 लाख एएनएम टीकाकरण में हिस्सा लेती हैं. कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 1.54 लाख एएनएम का इस्तेमाल होगा.

 

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